ऐसा नहीं कि घृणा है तुमसेया कि कोई नाराज़गी है तुमसे।मन बस शान्त हो गया हैठहर गया है अगर गया है।न गिराव है न उठाव हैअचानक जैसे सबकुछ जम गया हैमेरे लिए। कुछ मुझमें हो गया है खो गया है तुम्हारे लिए।ज़मीन सुघर गया है बाग़ उघड़ गया हैकुछ भी हो पर अभिव्यंजति नहीं -
ऐसा नहीं कि घृणा है तुमसेया कि कोई नाराज़गी है तुमसे।मन बस शान्त हो गया हैठहर गया है अगर गया है।न गिराव है न उठाव हैअचानक जैसे सबकुछ जम गया हैमेरे लिए। कुछ मुझमें हो गया है खो गया है तुम्हारे लिए।ज़मीन सुघर गया है बाग़ उघड़ गया हैकुछ भी हो पर अभिव्यंजति नहीं
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खिले चेहरे में जो खाली है।कौन जाने उसमें किसकी निशानी है?भिंगती सब के उर की मानी है।छिपी उसमें किसीकी नादानी है!!तुम्हारे भावों में जो पानी है।जाने कितनी ही नदियों सी कहानी है।। -
खिले चेहरे में जो खाली है।कौन जाने उसमें किसकी निशानी है?भिंगती सब के उर की मानी है।छिपी उसमें किसीकी नादानी है!!तुम्हारे भावों में जो पानी है।जाने कितनी ही नदियों सी कहानी है।।
23.01.20विदा कर रहा हूँ तुम्हें अब रहते रहते जहाँ मेरेतुम न आए जिस मकां में मेरेद्वार भी स्वागत का वहाँसजा है सजा ही रहेगा सदासमझ उनको किसी और काघाव खुद में कर रहा हूँजाते जाते मकां मेरी खुद से विदा कर रहा हूँएहसास जिएँ जो सारे जहाँमैं वहीं उन्हें बंद कर रहा हूँ -
23.01.20विदा कर रहा हूँ तुम्हें अब रहते रहते जहाँ मेरेतुम न आए जिस मकां में मेरेद्वार भी स्वागत का वहाँसजा है सजा ही रहेगा सदासमझ उनको किसी और काघाव खुद में कर रहा हूँजाते जाते मकां मेरी खुद से विदा कर रहा हूँएहसास जिएँ जो सारे जहाँमैं वहीं उन्हें बंद कर रहा हूँ
23.01.2020थीं नहीं मगर मकान वो मेरेछोड़ उनको आगे बढ़ रहा हूँसमेट सारे तन सा सामानमकान से मन ढो रहा हूँसजाए जिसमें हर कोने को मैंनेकभी तुम्हारे आने की राह मेंमानकर इसे सिर्फ तुम्हारा हीजा रहा हूँ ज़माने में कहींबन चुका हूँ जो बन्जारा कोई है तो कोई और ठिकाना नहींमिट्टी मिट्टी हीं रहना है अबरास्ते रास्ते ही ठहरना है अब -
23.01.2020थीं नहीं मगर मकान वो मेरेछोड़ उनको आगे बढ़ रहा हूँसमेट सारे तन सा सामानमकान से मन ढो रहा हूँसजाए जिसमें हर कोने को मैंनेकभी तुम्हारे आने की राह मेंमानकर इसे सिर्फ तुम्हारा हीजा रहा हूँ ज़माने में कहींबन चुका हूँ जो बन्जारा कोई है तो कोई और ठिकाना नहींमिट्टी मिट्टी हीं रहना है अबरास्ते रास्ते ही ठहरना है अब
23.01.20विदा कर रहा हूँ तुम्हें अब अब मैं नींद खोल रहा हूँ सो रहा था मैं भावों में तेरेअब मैं आँखे मीच रहा हूँथी कोई न नर्म राह बीच मेंखींच खुद को बदल रहा हूँथे ईरादें अटल जितने भी मेरेटाल उनको आगे बढ़ रहा हूँ -
23.01.20विदा कर रहा हूँ तुम्हें अब अब मैं नींद खोल रहा हूँ सो रहा था मैं भावों में तेरेअब मैं आँखे मीच रहा हूँथी कोई न नर्म राह बीच मेंखींच खुद को बदल रहा हूँथे ईरादें अटल जितने भी मेरेटाल उनको आगे बढ़ रहा हूँ
नवनीत नित्य नित्य हो तुम्हारानववर्ष सहर्ष सरस बीते तुम्हारापुष्प पावन नूतन सी मेरे मन मेंबाग बाग खिली सी रहो सदामानस मीत जग संबंधों की कहानी मेंमिठास सी पात्र निभाती रहो सदाइस जगह जिस जगह तुम रहोया याद भी जाये उस जगहसब जगह प्यारी पल सी रहोतुम खुश रहो तुम खुश रहो। -
नवनीत नित्य नित्य हो तुम्हारानववर्ष सहर्ष सरस बीते तुम्हारापुष्प पावन नूतन सी मेरे मन मेंबाग बाग खिली सी रहो सदामानस मीत जग संबंधों की कहानी मेंमिठास सी पात्र निभाती रहो सदाइस जगह जिस जगह तुम रहोया याद भी जाये उस जगहसब जगह प्यारी पल सी रहोतुम खुश रहो तुम खुश रहो।
20.04.20सवाल दर सवाल हर सवाल सवाल होते नहीं।कुछ तो यूँ भीपूछ लिए जाते हैंकि बस...पूछने की बात थीऔर तो बात न थी।। -
20.04.20सवाल दर सवाल हर सवाल सवाल होते नहीं।कुछ तो यूँ भीपूछ लिए जाते हैंकि बस...पूछने की बात थीऔर तो बात न थी।।
Na toh tumhe paane ka lakshya hAur na toh tumhe khone ka darr hBs jo h usme ho jana h -
Na toh tumhe paane ka lakshya hAur na toh tumhe khone ka darr hBs jo h usme ho jana h
20.04.20सवाल दर सवाल हर सवाल सवाल होते नहीं।कुछ तो यूँ भीपूछ लिए जाते हैंकि बस...पूछने की बात थीऔर तो बात न थी।।उसका न उसमेंकोई मन थाऔर न...अपनेपन की आह थी।।भाव विरक्त जैसेहृदय कहीं सोया थासो बस...पूछने की बात थीसो पूछ लिया गया।।मैं भी कितना पागल हूँकि ये जानते हुए भीकि सवाल झूठ का हैफिर भी उत्तर मैंने सच्चा-सच्चा ही दे दिया।। -
20.04.20सवाल दर सवाल हर सवाल सवाल होते नहीं।कुछ तो यूँ भीपूछ लिए जाते हैंकि बस...पूछने की बात थीऔर तो बात न थी।।उसका न उसमेंकोई मन थाऔर न...अपनेपन की आह थी।।भाव विरक्त जैसेहृदय कहीं सोया थासो बस...पूछने की बात थीसो पूछ लिया गया।।मैं भी कितना पागल हूँकि ये जानते हुए भीकि सवाल झूठ का हैफिर भी उत्तर मैंने सच्चा-सच्चा ही दे दिया।।
26.01.2020तुम्हारे भावों में जो पानी हैजाने कितनी ही नदियों सी कहानी है।कौन जाने किस लिए इस घड़ीव्याकुल मन तुम्हारा है।इस धरा पे जो भी खोना हैतुम्हारे होने में सब होना है। -
26.01.2020तुम्हारे भावों में जो पानी हैजाने कितनी ही नदियों सी कहानी है।कौन जाने किस लिए इस घड़ीव्याकुल मन तुम्हारा है।इस धरा पे जो भी खोना हैतुम्हारे होने में सब होना है।