Kehne ko bahut baat hain magar.
Unhe sunne ko vo Kaan nhi.
Thin khwahishe kuch apni bhi.
Ab jahir karne ko kuch Arman nhi.
Jo jahir kar bhi du to samjhega kon.
Ab itna kareeb koi insaan nhi.
Gar har baat kehni pade to kareeb kahan.
Kyuki ki dil ki bhasha ki koi juwan nhi.
Unhe sunne ko vo kaan nhi.
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Putlon k bajar main.
Sare samaan bikenge.
Khilone to bik gye.
Ab insaan bikenge.-
समझदारों के शहर में मैंने देखा कि।
अक्सर गलतियां उनसे भी होती हैं।
वो बात अलग है कि.........
हमेशा दिखाई उन्हें दूसरों की देती है।-
सभी को मंजिल मिले ये जरूरी तो नहीं।
बहुत सो के मुकद्दर में छोटे-छोटे पडाव हुआ करते हैं।
वो भी कुछ पल के लिए।-
जिन्दगी में एक दौड़ सी लगी हुई है।
सुबह को Office के लिए दौड़।
Office में काम की दौड़।
किसी की Target पूरा करने की दौड़।
तो किसी की अपनी नौकरी बचाने दौड़।
शाम को घर के लिए दौड़ तौ।
Weekend पर अपने घर जाने की दौड़।
पता नहीं कि जिंदगी में सुखद पडाव।
कब आयेगा आयेगा भी या नहीं।-
सुबह की उम्मीद में अपनी शाम गवाएं बैठे हैं।
खुद ही की तलाश में अपनी पहचान गवाएं बैठे हैं।
है आंखों में नींद भरी हुई यहां कल कि फिक्र में।
रात का आराम गवाएं बैठे हैं।
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एक बार फ़िर सफर में तन्हा रह गया।
लोग चार कदम साथ चलते तो हैं।
उम्र भर साथ निभाना कोई नहीं चाहता।-
कुछ बोलकर अगर दिल का हाल बताया जाये।
तो उसका क्या फायदा।
जो खामोशियां भी पढ़ ले तलाश तो उसकी है।-
मिजाज मेरा शायराना भी है।
और आशिकाना भी।
मैं उनके लिए सब कुछ हूँ।
जो मेरे अपनों को छु जायें।
वरना मैं किसी के लिए कुछ भी नहीं।-
खोकर जवान बेटे को मां रोई बहोत।
भागती रही उसकी अर्थी के पीछे सुद बुध खोई बहोत
ढूंढती रहेंगी अब उसकी आंखें हर पल याद आयेगा
पत्थर हो जायेंगे नयन वो अब न दिख पायेगा।
छोटी छोटी बातों में वो अब उसको याद आयेगा।
जो जान से भी प्यारा था मां को लाल।
अब लौटकर नहीं आयेगा।-