मां बहुत दर्द सहकर
बहुत दर्द देकर
तुझसे कुछ कह कर,
मैं जा रही हूं ...
आज मेरी विदाई में जब सखियां मिलने आएंगी
सफ़ेद जोड़े में लिपटी देख, शिक्षक शिक्षक मर जाएंगी ।।
लड़की होने का खुद पे फिर वह अफसोस जताएंगी...
मां तो उनसे इतना कह देना
दरिंदों की दुनिया में संभल कर रहना ।।
मां, राखी पर जब भैया की कलाई सूनी रह जाएगी
याद मुझे कर कर जब, उनकी आंखे भर आएगी
तिलक माथे पर करने को मां,
रोह मेरी भी मचल जाएगी,
मां तु भैया को रोने ना देना
मैं साथ हूं हर पल, उनसे कह देना
मां पापा भी चुप चुप, बहुत रोएंगे
मैं कुछ ना कर पाया, ये कह कर खुद को कोसेंगे
मां दर्द उन्हें यह होने ना देना
इल्जाम कोई लेने ना देना ।।
वह अभिमान है मेरा, सम्मान है मेरा
तो उनसे इतना कह देना ...
मां तेरे लिए अब क्या कहूं,
दर्द को तेरे शब्दों में कैसे बांधूं
फिर से जीने का मौका कैसे मांगू ,
मां लोग तुझे सताएंगे
मुझे आज़ादी देने का, तुझ पर इल्जाम लगाएंगे
मां सब सह लेना पर यह ना कहना
|| *अगले जनम मोहे बिटिया न देना* ||
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~ C̶o̶g̶i̶t̶o̶ E̶r̶g̶o̶ S̶u̶m̶ ~
._ 𝓘 𝓽𝓱𝓲𝓷�... read more
._ Happiness is not merely a destination we reach, but rather a journey we embark on each day through the practice of gratitude, mindfulness, & kindness towards ourselves & other. It's found in the small moments of joy _.
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._ I think the best part of being a mom is when u catch ur kids starting at u & they have a huge smile of pure joy...
In that moment, u realize no one is as important to them as u .
They feel safe & secure, knowing u will always love them like nobody else ever will .
You are their person...!-
In relationship, it's crucial to maintain a balance between giving & receiving.
When one person gives or takes too much, it can cause problems...
Then giver may become resentful, & the takes may feel guilty & even consider leaving the relationship because of it !!!-
Everything can be effortless and easy for you - if you say it is.
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Na De "Dawa".. Tu Mujhe "Dard" mein Rehne de... !
Teri "Yaadon" ki "Khushboo".. har pal Mere "Zehen" mein rehne de... !
Main janti hoon Tu ab "Kisi or" ka hai..magar Tu Mera hai...🤌🏻
Mujhe yeh "Vehem" rehne de.... !!-
._ इंसान अक्सर ज़मीन पर
कोई लोगों को
आसमान में ढूंढा करता है
कुछ पल सुकून के पन्ने को
वह घंटों उसको ताकता है _.-
।। वह रुकना चाहती थी
पर तुमने उसे जाने दिया
दिल थक रहा था उसका भी
पर उसने तुम्हारा हाथ छूटने न दिया
कैसे भूल गए तुम की
हर बार मुड़ कर तुम्हारे पीछे वह आई थी
अपने साथ हर बार एक नया मौका लाई थी
पर शायद इस बार वह समझ गई थी
इस दिल को वह समझा गई थी
दोबारा उन लिखें पन्नों को
वह पलटना नहीं चाहती थी
इसीलिए हंस रही है
आज वह खुद के साथ
प्यार से ऊपर
दे रही है आज वह खुद का साथ ।।-
कुछ कहना था,
तुमने सुना ही नहीं ।।
हाथ बढ़ाया तो था,
तुमने थामा ही नहीं ।।
तेरे संग चलना था,
तो रुका ही नहीं ।।
तेरे खातिर यह तो हमने अपना अपने रास्ते बदले थे ना,
पर तूने तो देखा तक नहीं...
तेरे साथ है तो चाहा था अपना नाम जोड़ना,
पर तू तो मेरा कभी था ही नहीं ।।-