हमें कोई आपत्ति नहीं गैर तेरे होने से,
मसला तो सारा तेरे गैर होने का।-
Rajesh Potlia
(Rajesh)
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Joined 23 August 2020
16 NOV 2021 AT 14:47
21 SEP 2021 AT 19:04
मंज़िल राह क्यूं दिखाए ,महज सपनों की हिम्मत पर,, पराए अपने बन जाएंगे ,मगर अपनो की कीमत पर।
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10 JUL 2021 AT 19:12
कितने कांटे सहती, जो जाकर कलियां खिलती हैं,
इक हाथ मोहब्बत लेते हो, दूजे बदनामी मिलती है।-
7 JUL 2021 AT 18:51
बहुत मुझे मिली हिदायत,मिली राह बदलने की,
सपनों में करीब है मंजिल ,अब बारी हकीकत बदलने की।-
3 JUL 2021 AT 19:10
मेरी कलम को दूर रखता हूं तुमसे,
खामखां देख लिया तुझे, तो बिगड़ जाएगी।-
29 JUN 2021 AT 19:34
हकीकत से रूबरू होने की हिम्मत नहीं अब,
अगर हम सपनों में खुश हैं,,,,
तो रहने दो ।-
24 JUN 2021 AT 19:38
तू जोर लगा ले बदनाम करने में मुझे,
मैं मशहूर कर दूंगा तुझे मेरा नाम बनाकर।-