हादसे भुलाए जा सकते है, यक़ीनन।
क़यामत की बेरूखी से परेशां है हम।
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श... read more
रुह पर तो यार,
बस रब की दावेदारी है।
जब तक है जिंदा,
तब तक वो हमारी है।
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तेरी मुस्कुराहट का क़र्ज़ है मुझ पर।
ये दवा हर रंज़ ओ ग़म पे भारी है।-
मै उसे अपनी दुनिया समझता हूं।
वो मुझे दुनिया वालों में शामिल।
बचाकर हक़ीक़त के फैसलों से।
कैसे ख्वाहिशों को करें क़ामिल।
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बात पते की कह गया छोड़कर जाने वाला।
कब लौटकर आया है, मौसम पुराने वाला।-
कोई दोस्त बनकर तेरे शहर से आया है।
फिर मेरी जवानी पर चांद का साया है।
इक वहीं बात जो रह गई है हमारे बीच।
तय करें कि किसने मुकद्दर जलाया है।-
जिसे कभी मिला ही न हो वही दे सकता है बेहिसाब।
अजीब है इश्क़ के पैंतरे और ग़जब है इसके हिसाब।-
बेगाना है मगर तसव्वुर में, दिल पर हाथ रखता है।
ख़ुदा सा है वो दर्द देता है तो दवा भी साथ रखता है।-
पहला प्यार, आखरी मोहब्बत सब किताबी बातें हैं।
पतझड़ के जाते ही बहारों के साथ नए पत्ते आते हैं।-