तेरी बातें मुझे सहारा देती है जिंदगी जीने के लिए,
वरना! इस दिल को छलनी कर चुके हैं कई।
हाँ.. तुझसे पहले भी लुटाने को तैयार रहता था मैं,
पर किसी कीमत के लायक समझा ही नहीं किसी ने।
कभी सोचता हूँ ऐसा क्या है मुझमें?
जो तुझे दूर कहीं जाने नहीं देता है ।
फिर याद आता है तुझे इस टूटे दिल के टुकड़ों को जोड़ने का सौक है बहुत।
यही वजह है इसे फिर काबिल बनाया है तूने,
एक दफ़े और सर झुकाये खड़ा हूँ
मर्जी तेरी चाहे सर कलम कर दे, चाहे उठा के अपने दामन में समेट ले मुझे ,,,,,,,
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