मां क्या लिखूं मैं तेरे बारे
तू तो जु़बान है मेरी
तेरे होने से मैं सब कुछ हूं
पर तेरे बगैर मैं कुछ भी नहीं
मां एक तू ही तो पहचान है मेरी
जब जब डरा मैं तेरी आंचल में छिप गया
तेरी वो हौले हौले थपकी, मेरा सारा जहान है मां
तुझसे पढ़ना सीखा तुझसे ही लड़ना सीखा
मेरे जीवन की तू योद्धा सबसे महान है मां
तू ही गीता और तू ही क़ुरान है मेरी
मां इतना कद नहीं मेरा कि तुझे शब्दों में बयां कर पाऊं
बस इतना कहूंगा कि
मां तू ही "भगवान " है मेरी❤️
-