ये सच है हमें मवद्दत तुमसे है।
ये भी सच है बड़ी मुद्दत से है।
कभी मिले फुर्सत तो आज़मा लेना,
जो भी है हमें बड़ी शिद्दत से है।
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तुम्हें चांँद-सितारे
क्या चाहिए था जमीन पर,
हम सारा आसमान लें आते यहीं पर ,
बस तुम एक बार इशारा कर देते।
तुमने इतनी रात ख्वाब में आने
का कष्ट क्यों किया,
हम खुद दौड़े चलें आते वहीं पर ,
बस तुम एक बार इशारा कर देते।
सुना है हर रोज एक नजराना,
तेरे चेहरे पर चमक ले आता था,
हम जान लुटा देते उस हँसी पर,
बस तुम एक बार इशारा कर देते।
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एक तू ही दिखता है मुझे रास्ता सुकून का,
बिखर जाऊँ तुझमें तो कैसा रहेगा ?
बसा रखा है तुमने दिल में सागर मोहब्बत का,
उतर जाऊँ उसमें तो कैसा रहेगा?
तू नहीं है तो यादों की बारिश शुरू हो गई है,
निखर जाऊँ उसमें तो कैसा रहेगा?
दुनिया को छोड़कर आने का बहाना बता दें,
बिछड़ जाऊँ उसमें तो कैसा रहेगा?-
उसकी यादों को दिल से मिटाऊँ कैसे ?
उस बेवफ़ा से रिश्ता निभाऊँ कैसे ?
ज़ख्म पर ज़ख़्म बहुत दिये है उसने,
ज़ख़्म सारे दिल पर है दिखाऊँ कैसे ?-
चाहता रहा तुझे साँझ-सवेरे।
आजा ज़रा तू पास तो मेरे।
आजा तुझे सीने से लगाऊँ।
सीने से लगाकर दिल में बसाऊँ।
दिल में बसाकर दिल धड़काऊँ।
दिल धड़का कर तुझे तड़पाऊँ।
काली घटा तेरे गालों को घेरे।
आ सुलझाऊँ बालों को तेरे।
हाथों को मेरे हाथों में डालों।
आँखों को मेरी आँखों में डालो।
साँसों को साँसो में समाने दो।
होंठों को होंठों से लगाने दो।
बाँहों में बाँहें डालकर तेरे।
लगाता रहूँ में झूम के फेरे।
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मैं पेड़
मुझे आज काट दिया गया।
सुबह -सुबह आदमी मेरी जड़ें
खोद रहे थे।
लगा जैसे मेरी कब्र खोद रहे थे।
मुझे दर्द होता रहा ,
मैं बिलखता रहा ,
पर मेरी कौन सुनता।
उन लोगों ने मेरी ही
छाँव में बैठकर मुझे ही
काट कर गिरा दिया।
खैर यह तो पहले से ही
चली आ रही है कि
''आप जिनकी मदद करते हैं
वो ही आपकी जड़ें काटते हैं।''
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तुम्हें क्या फर्क पड़ता है दिल तन्हा- तन्हा रहता है।
अब हंँसता है ना रोता है दिल तन्हा -तन्हा रहता है।
चेहरा उदास रहता है फिर ये उखड़ा -उखड़ा रहता है।
बस तेरी याद में खोता है दिल तन्हा-तन्हा रहता है।
तू गया सब कुछ गया सब उजड़ा-उजड़ा रहता है।
दरिया अश्कों का बहता है दिल तन्हा-तन्हा रहता है।
मैं कहांँ और तू कहाँ सब बिछड़ा-बिछड़ा रहता है।
इश्क में अक्सर होता है दिल तन्हा-तन्हा रहता है।
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अकेलापन खा जाता है ज़िन्दगी सारी
वरना हर कोई जीते जी मरा नहीं करते।-
डूब जा यहीं कहीं मेरे दिल में
यह आवारगी अच्छी नहीं है।
बेवक्त,बे-मौसम रात ढले ,
यह रवानगी अच्छी नहीं है।
हर कोई चमकने वाली चीज
अक्सर सोना नहीं होती मेरे यारा,
बेवफाई करने वाले के लिए
इतनी दीवानगी अच्छी नहीं है।-
तेरी हूंँ मैं बस तेरी
मुझे तेरी हो जाने दे।
रात चांँदनी सुहानी है
मुझे मीठे सपनों में खो जाने दे।-