हम ऐसे धर्म को मानते हैं जिसकी नींव न्याय, समानता,स्वतंत्रता और बंधुता है।
जो हर इन्सान में बिना किसी भेदभाव के दिखाई देता है।
जिसे चलाने का माध्यम लोकतंत्र है।
हमारी सबसे प्रिय और पवित्र पुस्तक भारतीय संविधान है।
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
#MyConstitutionMyPride
#मेरासंविधानमेरीशान
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मेरे ख़्वाबों की ताबीर में तुम हो,
मेरी दुआओं की तासीर में तुम हो,
इश्क दो या दो आंसू तुम मुझे राज़,
हर हाल में मेरी तक़दीर में तुम हो।
बनकर लहू तुम ही मुझमे बहती हो।
पल पल दिल के पास तुम रहती हो-
मैं भी तुम्हारी बात करता हूँ, तुम भी अपनी कहती हो,
अजीब गुफ्तगू है राज़ दोनों तरफ से तुम बोल रही हो।-
तुम और मैं होऊं और दूसरा कोई और न हो।
वक़्त का दुनिया का हम पर कोई जोर न हो।-
न हालात बदले हैं ना दीवाने का हाल बदला,
आफताब की तपिश बदली न महताब जमाल बदला।
बस पुराना कलेंडर उतार कर नया लगा दिया,
राज़ फिर से एक तारीख बदली और एक साल बदला।-
देखो राज़ कितने मज़े में जी रहा हूँ मैं गुनाहगार बनकर भी,
कितनी आरजुओं का कत्ल किया है न मुक़द्दमा है मुझपर न इल्ज़ाम कोई।-
धर्म की शरण जा बसे हैं लुटेरे सारे,
कोई बंदूकें बांट रहा है कोई बांटे तलवारे।
चिताओं की आग पर चढ़ाई लालच की हंडिया,
सत्ता की खीर पकाते नफरत के सहारे।
मासूम बच्चे बन रहे हथियार पाखंडियों के,
सम्भालो अपने नन्हे मुन्ने सब सितारे।-
रूह का रिश्ता है जिस्म की आशनाई है,
इसकी अपनी दुनिया है अपनी ही खुदाई है।
लोग कहते थे जन्नत इश्क के आगोश में मिलेगी,
यहां तो आग है आंसू है दर्द है तबाही है-
ये न समझो राज़ मेहरबान हर एक निगाह होती है,
साथ साथ होने की सबकी कोई वजह होती है।-
बेबसी अपने लफ्ज़ ओ एहसास क्या कहूँ राज़,
मेरे गम को सुनते हैं लोग बड़ी ही खुशी के साथ।
تیری باتوں سے بے بسی اے احساس، کیا کہوں
لوگ میرے دکھ کو بڑی خوشی سے سنتے ہیں۔
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