दर्द भी उसको कभी सहने नहीं दिया
काजल भी आखॅ से बहने नहीं दिया
हर पल ही रहा हूँ मै उसके ख्यालों में
तन्हा भी कभी उसको रहने नहीं दिया-
कुछ बीते हुए लम्हों की यादें हमारे पास रहने दो
तुझमें डूब कर सुकून मिलता है मुझे उदास रहने दो-
आंखों आंखों में ही रात गुजर जाती है
धुंधली सी उसकी तस्वीर उभर आती है
तेरी आंखों से जो पीले वो उतरती नहीं
जो जाम से पीते हैं वो उतर जाती है-
तुम अपने हाथ से शुभ शुभ मेरी दीवार पर लिख दो
अगर चाहो तो अपना नाम दिल के द्वार पर लिख दो
जब भी मुझसे नजर मिलती तुम कुछ गुनगुनाती हो
तो कोई गीत तुम फिर एसा हमारे प्यार पर लिख दो
मिलन का गीत लिखना हो और अभाव हो शब्दों का
गर अपना समझती हो तो इस अधिकार पर लिख दो
एसा गीत जो नफ़रत को हर दिल से मिटाता हो
दिवाली ईद वैशाखी किसी त्यौहार पर लिख दो
*** राजीव श्रीवास्तव-
खुश हैं सब खुशी नहीं मिलती
ज़िन्दा हैं मगर जिंदगी नहीं मिलती
जल रहे हैं चिराग़ उम्मीदों के
मगर रोशनी. नहीं. मिलती-
जाते-जाते जो मुड़कर वो अगर देख लेते
कि जी भर के तुम्हें हम इक नज़र देख लेते
-
दर्द भी उसको कभी सहने नहीं दिया
काजल भी आखॅ से बहने नहीं दिया
हर पल ही रहा हूँ मै उसके ख्यालों में
तन्हा भी कभी उसको रहने नहीं दिया-
वो धुंधली यादें तेरी हर पल ही साथ रहतीं हैं
सिर्फ में ही परेशां नहीं रहता वो भी उदास रहतीं हैं
*** राजीव श्रीवास्तव-
सब कुछ ख़ुदा से मांग लिया तुझको मांग कर
अब क्या उठेंगे हाथ मेरे इस दुआ के बाद-