Rajeev Ranjan   (Rajeev Ranjan (R²))
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Joined 18 August 2019


Joined 18 August 2019
16 AUG 2024 AT 8:40

कब तक मैं सताया जाऊं
कब तक मैं दबाया जाऊं
क्यों नहीं समझते इतनी छोटी बात को...
क्यों लुटते हो मेरे जिस्म और मन के जज्बात को।

आज तो मैं डॉक्टर के वेश में थी,
मैं अपने मंजिल के रेस में थी,
चेहरे पर मुस्कान और उंगलियां केस में थी,
एक बात तो बताओ अब तुमने मुझे क्यों लुटा
आज तो मैं चार - दिवारी के भीतर ......
और भरपूर dress में थी।

तुममें से ही तो कोई एक होगा
दीपक, अमित, अख़्तर या नौशाद
और यूं तो सख़्त मर्द बनते फिरते हो,
तो आज बताओ बहन - बेटियां लूटने
तक ही है तुम्हारी मर्दानगी की औकात?

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11 AUG 2024 AT 20:55

लो, तो अब उसकी बाते भी बेकार हैं...
बेटे तो कुल चार हैं।
फिर भी वो बीमार है,
चारो के चार राजधार है,
तब वो क्यों लाचार है?

उसके दोनो पैर तो अभी है सलामत
तो फिर क्यों उसकी आई है मौत
क्या उसका कुछ भी नही है अब पूछ?
क्या सब बन गए है उच्चों के उच्च?
आख़िर खाता तो बस रोटी और आचार है..
तब फिर वो क्यों लाचार है?

तो क्यों है अब तू रोता!
तूने ही तो मांगा था, मुझे बस बेटा होता।
और अब है ईश्वर को कोसता?
काश बेटी मांगा होता ये दिन न आता।

क्या यार किस मिट्टी का है तू बना ..
इतनी काटो के बाद भी ,तूने उनको बेटा माना..
इसी रूप के लिए तो तू कभी लक्ष्मी तो कभी संक्राचार्य है
पर क्या फायदा फिर भी तू लाचार है।
ओ..... तेरे बेटे कुल चार है
तभी तो तू लाचार है।



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6 AUG 2024 AT 19:28

आप शायर हैं तो, लिखना आपका काम होना चाहिए..
दो - चार जगह आपका भी पैगाम होना चाहिए
और सुनो जानेमन,
आशिकी बच्चों की बात नहीं,
गर आशिक है आप.....
तो इश्क़ के शहर में आपका भी नाम बदनाम होना चाहिए।

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18 JUN 2024 AT 16:30

जिंदगी है बंदगी है, या सिर्फ एक ख्वाब है।
आपके आखों का नशा है, या मैने पी शराब है..
और बेहद क़रीब से निहारा है हमने......x2
जानेमन आपके होठ तो लाज़वाब हैं

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1 JUN 2024 AT 18:01

अब तो बारिश करा दे ए खुदा...
उसने अपने हुस्न से शहर के तापमान बढ़ा रखे हैं

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23 MAY 2024 AT 22:27

आज वो रकीब के साथ दिखी थी,
पुराने यादें मीठी हो गई
जो की फीकी थी,
मुझे अब समझ आया
की मेरे साथ क्यों थी,
वो तो अपने नए महबूब के लिए
मोहब्बत मुझसे सीखी थी।

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13 MAY 2024 AT 22:54

बातें तो बहुत सुन लिए, कभी उनके भावनाओं को सुनकर तो देखो
किताबें तो बहुत पढ़ लिए, कभी उनके आंखें पढ़कर तो देखो
यूं तो मर्ज बताते हो प्यार, इश्क, और मोहब्बत की....
तो जिस्म के पीछे बहुत भाग लिए, कभी उनके रूह में उतरकर तो देखो।

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13 APR 2024 AT 11:45

अगर प्यार चखना है तो मेरी इश्क की दुकान में आकर मिलो, तुम्हे बिना कर के पूरी शिद्दत वाली मोहब्बत मिलेगी यहां।

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1 APR 2024 AT 12:20

दुःख - दर्द सात समुन्दर पार रखना
तुम चाहत का सिलसिला यूंही बरक़रार रखना
कोई विपत्ति आए , तो मुझे संभाल रखना
लाख संसार तुम्हें गुमराह करे
अपनी मीठी - मीठी बातो से
पर सुनो, तुम मेरी आखों को पढ़ना
और मेरी मोहब्बत पर ऐतबार रखना

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28 DEC 2023 AT 18:46

हृदय में प्रेम और प्रेम की वजह आप हो,
आंखों में नींद और नींद की वजह आप हो,
और कौन कहता की चांद की चांदनी खुद की है.....
सुनो चांद में चांदनी और उस चांदनी की वजह आप हो l

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