Rajeev Kumar   (Pushp)
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Joined 24 April 2018


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7 HOURS AGO

परतों में छुपा
यह एक सच है।
जब यह उधड़ता है
तब गहरी टीस उठती है।
जब तलक तुम काम के हो।
तुम्हें ग़लत फ़व्हमी रहेगी कि
लोग तुम्हें प्यार करते है।
संबंध और तुम्हें,
पूछते रहने के लिये
तुम्हारा काम लायक़ बने रहना सर्वोच्च कारण है।
वर्ना...

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YESTERDAY AT 7:08

अंततः हमारी सुस्ती हम पर भारी पड़ेगी।
हाथ और पास का सामान भी दूर चला जायेगा। आलस्य एक शानदार शिकारी है। शिकार करके ही छोड़ता है।

मार्टिन लूथर के कितनी सुन्दर बात कही है-
यदि आप उड़ नहीं सकते हो, तो दौड़ो. यदि दौड़ नहीं सकते हो, तो चलो. यदि चल भी नहीं सकते हो, तो रेंगो. लेकिन हमेशा आगे बढ़ते रहो।

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30 JUN AT 10:59

जब आप सामान्यतया यह वाक्यांश कि "मेरे समय में" ऐसा था, ऐसा होता था आदि आदि बोलते रहते है, तो यह बतलाता है कि आपकी ऊर्ज़ा नकारात्मकता और फ़ुज़ूल की ओर जा रही है।
सोचने वाली बात है समय तो आपका अब भी चल रहा है।

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28 JUN AT 9:46

ऐसा तो नही, जिसे हम अमीर समझते है,
वह जिंदगी भर लक्सरी लाइफ के लिये जीते है । वह तो लक्सरी जीवन जीने में समय बिता देते है और उनकी यह आदत और अभिलाषा जीते जी कभी खत्म नही होती !
यह तो कभी न खत्म होने वाला dissatisfaction अर्थात असंतोष है। दूसरे शब्दों में जब जीवन मे संतोष ही नही है तो जीवन तो waste हुआ !!

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26 JUN AT 13:00

सब अच्छे होते है।
दिक्कत यह है कि हम में अहंकार पांव जमा लेता है।
दुःखद तब है जब देर हो जाती है।
खोने के बाद तुम फ़क़त नाटक करते नज़र आओगे।

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21 JUN AT 7:39

कोई कर्ज़ा नही है।
फिर भी वह कितना विशाल और सह्रदय है।
हमें रोज़ाना मौका दे रहा है।

अनगिनत सिक्कों की खन्न खानाहट तुम्हें और-और-और करते सुदूर ले जाएगी।
असहाय बना देगी।
जागो।।

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21 JUN AT 7:28

स्थूल मस्तिष्क से
स्थूल होता शरीर है।
इससे पनपती असक्रियता दूसरे को मौका देती है।
तुम्हें परतंत्र बनाने में।

सुदृढ़ बने।
अपने मास्टर बने।
पढ़ो, अनुभव चखो।
इसे उसे मत देखो।
अध्ययन का एक प्यारा संसार है।
सारा खेल सही प्रबंधन का है।
ये न हो कि
थोथा चना बाजे घना"
बन चूक जाओ।

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18 JUN AT 7:47

कुछ भी कह लो।
हम सब ऊर्जा से लबरेज़ होते है।
सारा गणित हमारे रोज़ाना के समय के खर्चे पर निर्भर है।
जिसे तुम ऐसे खर्च करते हो,
जैसे तुम सदैव रुकने वाले हो
सब मुफ़्त क्या मिला !
तुम मुफ़्ती चंद्र बन जाते हो !!

जीवन का प्रबंधन अपने हाथ मे और शानदार रखो ।

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18 JUN AT 7:32

भ्रम ,
कि मैं सिर्फ़ मैं और सिर्फ़ मैं !!
इस मुग़ालते में,
अंततः तुम्हारा जीवन बीत जायगा ।।

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15 JUN AT 8:10

My father was my strength.
He was a pillar of our. He never weaked against the problems.

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