कुछ ख़ला रह जाएगा
सब पड़ा रह जाएगा
कहता कुछ कोई नहीं
खुद पता हो जाएगा
ज़ख्म भर तो जायेंगे
दर्द कुछ रह जाएगा
लोग हैं कब तक यहाँ
रिक्त सब रह जायेगा
छीन लोगे पर अगर
उड़ कहाँ वो जायेगा
नजरें चाहें कम मिलें
एक सिला रह जायेगा
कितना भी सीधा करो
सल कहीं रह जायेगा,
आज कितना भी अलग
कल मिला रह जाएगा
बाप की तुलना में तो
एक बिता रह जायेगा
कुछ न कुछ ऐसा यहाँ
रह अधूरा जायेगा
जाते जाते बूढ़ा पेड़
लकड़ियां दे जाएगा
घर भला खाली सही
एक पता रह जायेगा
डोर जितनी साट लो
एक सिरा रह जायेगा
इक सहर वो भी बदी
खुद विदा हो जाएगा-
Doctor by profession, painter by instinct, s... read more
आया तूफ़ां तो कोई नहीं बच पाएगा
बुलंदी पर कोई ज्यादा नहीं टिक पाएगा
साया खुद का ही नहीं बचता अंधेरा होते
बेजा सोचता है तू हमेशा बच जाएगा
कोई भी लाज़िमी नहीँ है यहाँ इतना भी
छूटे कई पर जीवन आगे बढ़ जाएगा
ये रंग मंच है जो ये दुनिया दिखती है
सारे नज़ारे रहेंगे तू कहीं खो जाएगा
22 22 22 22 22-
दुनिया को दुनिया बनाया जाए
टूटा घर फिर से सजाया जाए
साथ देने यहां कोई नहीं आता
अपना साथ खुद निभाया जाए
बहुत हो चुका सफर जमाने का
अपने घर भी लौट के आया जाए
भगवान बहुत बन चुके जमाने में
अब कुछ इंसानों को बनाया जाए
इतना आगे आ गए गांव से अब
बापिस जाते रास्तों को मिटाया जाए
डॉ राजीव "सागरी"-
चाहत नहीं दुनियां में मैं जाना जाऊं
नहीं सबसे बेहतर मैं आंका जाऊं
मैं अपना काम ही बेहतर कर लूं
ना कि मैं अपने भाषणों से जाना जाऊं
डॉ राजीव "सागरी"-
ख्वाहिश समन्दर की हासिल कतरा भी नहीं
हसरतें तमाम रहीं पर मिला तो जरा भी नहीं
चले गए एक दिन क्या हुआ कुछ कहा भी नहीं
-
दिल का फरेब ही तो है और क्या है
कोई किसी को इस तरह मिला क्या है
सब ही अपने रास्ते चले जाएंगे
जिंदगी के मेले में अपना बचा क्या है
डॉ राजीव "सागरी"-
मिले थे हम कभी एक मोड़ पर
कई निशान पड़े हैं एक मोड़ पर
अब नहीं आते भूले से वहां पर
वादे किए मिलने के एक मोड़ पर
सारी तमन्नाएं सिमट जाएंगी वहां
छूट जाएंगे बंधन सभी एक मोड़ पर
मिलेंगे हम जरूर बिछड़ने के बाद
दो रहें जैसे मिलती है एक मोड़ पर
डॉ राजीव "सागरी"-