जैसे–जैसे उम्र में इजाफा होते जा रहा
वो मौन होते जा रहा है,
कभी जो किसी बात को जाने नहीं देता था
आज हर बात पे कहता है,
"अरे जाने दो ना "......।।-
तब सुलझा लेता हूँ लफ़्ज़ों को कागज़ पे उतार के ।।
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Be a Master in One, Don't run behind everything..!!
हर रेस जीतने के चक्कर में अक्सर लोग कुछ अहम रेस हार जाते हैं।
चाय में अगर अदरक, इलायची, काली मिर्च सब एक साथ डाल दोगे तो मजा नहीं आएगा ।
Try करो कौन सी चाय पसंद है, अदरक वाली, काली मिर्च या फिर इलायची वाली,
फिर जो पसंद आ जाये उसी को अच्छे से बनाने में लग जाओ।
इसी तरह अगर अपनी ज़िंदगी में हर तरफ एक साथ हाथ मारोगे तो सफल नही हो पाओगे।
ज़िन्दगी में एक लक्ष्य निर्धारित करो और लग जाओ उसको पाने में और तब तक ना रुको जब तक अपने लक्ष्य को प्राप्त ना कर लो ।।-
जुदा करती हैं जो हमको तुमसे,
हाथोँ की उन लकीरों से अब डर लगता है ।।-
तुम हमेशा मेरी ज़िंदगी की
वो आखिरी कविता बन के रहोगी,
जिसका अंत
मैं लिखने से मना कर दिया करूँगा ।।-
और फिर....
एक दिन ज़िंदगी में,
सब कुछ पा लेने का सुख
और,
कुछ भी ना मिल पाने का दुःख,
दोनों ही अर्थहीन हो जाता है ।।-
किताबों सी हो गयी है शख्शियत मेरी,
अल्फ़ाज़ तो बहुत हैं कहने को
पर खामोश रहना एक अलग सुकून देता है ।।-
किसी फकीर की दी हुई ताबीज़ जैसी हो तुम,
तुम्हें गले से लगा लेता हूँ
तो बलाएं टल जाती हैं मेरी ।।-
सुनों,
इस जहाँ में सबको जल्दी है
वक़्त पर भी पाबंदी है,
पर अभी बहुत कुछ कहना बाकी है,
हो सके तो थोड़ा रुकना
थोड़ा ठहरना,
साथ बैठना मेरे किसी शाम,
ढलते सूरज को देख तुम्हें
अपना बीता कल बताना है
अपना आने वाला कल दिखाना है,
सुनों,
तुम्हारे साथ थोड़ा वक़्त बिताना है,
बस तुम्हारा हाथ थामें
चुप-चाप तुम्हे निहारना है,
कैसे उलझा हुआ हूँ मैं रोज-मर्रा की ज़िंदगी में,
तुम फुरसत से साथ बैठो अगर
तुम्हारे कंधे पे सिर रख के
हर छोटी-बड़ी बात बताना है ।।-
ये नज़रे यूं ही नहीं ढूंढती हैं तुम्हें
कमबख्त इन्हें भी हर वक़्त सुकून की तलाश रहती है ।।-
बड़े ही हिम्मती हो जाते हैं वो लोग,
जिनके पास ज़िन्दगी में
खोने के लिए कुछ भी नही बचता ।।-