किसी मासूम को अपनी मुस्कान दे दू,
इंसानियत के पते पर अपना नाम दे दू!
नफरतो से भर गया है ये सारा शहर,
सबके दिलो मे मोहब्बत का जाम दे दू!!
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rajatmishra2312 insta
कभी भी आत्महत्य... read more
तोड़ मोड़कर सच बोलने का तरीका नही आता,
मुझे झूठ को कहने का सलीका नही आता!!-
स्मर्तियो से होता है
स्नेह
यादो के सरोवर
मे डूब
बिछड़ के लम्हो से
होता है शून्य सा
अनुभूत।-
दिलो से खेलकर जिंदगी बहला लेती है
होता है मुझे काम दुनिया टहला देती है
नही खौफ खाता कभी मै तलवारो से
पर एक आसू की बूंद मुझे दहला देती है।
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मुझसे ईर्ष्या,द्वेश
,नफरत,घृणा,
वैमनस्य सब करना
पर प्रेम मत करना
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कष्टो का पता उसको है जिसके ऊपर बीती,
रिश्तो को खा रही है घर घर फैली राजनीति!!-
देह से परे होकर जब देखना
तो ही कहना मोहब्बत है
इश्क की गलियो मे खो जाना
समाज मे एक तोहमत है
चीज ना समझो तुम उसको
तुम्हारा वजूद ही एक औरत है
अश्को से है जो रिश्ता मेरा
ये कई जन्मो की सोहबत है
बांट ले कोई दर्द शहर मे
किसको इतनी मोहलत है
यहा ईमान बिक रहा रुपयो मे
सब कुछ खरीद रही दौलत है
कयामत तक इसपर रहूगा कायम
बस नेकदिली ही मेरी शौहरत है।
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संगीत की ध्वनिया रोई है सुरो ने वाणी खोई है
माँ सरस्वती के आंचल मे आज गीतो की रानी सोई है
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सृष्टि का कायाकल्प करने
जैसे कोई संत आया
अपने संग बहार लिये
देखो फिर बंसत आया
पीले रंग की चादर ओढ़
सरसो का फूल मुस्कुराया
चिड़िया चहचहाई पेड़ो पे
कोयल ने गीत गाया
धूप ने अपने आंचल को
धरती पर फिर फैलाया
उत्साह आ गया ऋतुओ मे
वसुंधरा मे स्वर्ग उतर आया
पुष्पो के संग अठखेली करना
तितलियो के मन भाया
सृष्टी ने देखो आज जैसे
काया कल्प अपनाया
भंवरो ने मधुर तान मे
ये आज गीत गुनगुनाया
पंचमी का सानिध्य लिये
देखो सुहाना वंसत आया
रजत सरला मिश्रा
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अंतरमन मे
द्वंद
सांसे है
मंद
हो जायेगा
जिस दिन
मेरी इस
यात्रा का
अंत
बिखर जाऊगा
उस दिन
बन कर मै
मकरंद।-