उस दिन की बात अलग थी, हम दिल से पहली बार रोये थे
तुमने तो कह दिया दो लब्जो में
वो तो खुदा जानता है कि...
हम दिल के अच्छे थे या एक्टर अच्छे थे!-
रोज़ ख़ाली कर लिया करता हूँ
इसी बहाने ही सही मर... read more
ज़िंदगी की गाड़ी कुछ इस तरह चला रहे हैं ,
कभी दूसरे पंचर कर रहे है तो
कभी ख़ुद ही हवा निकाल रहे हैं।-
सुबह से पानी पी पीकर हालत ख़राब हो रही,
अब कैसे बताऊं कि आपकी वजह से हिचकियां बन्द नहीं हो रही..-
शिकायतें तो अपनो से होती है दोष तो गैरों में होता है,
अब मुझमें दोष है या मुझसे शिकायत है ये तो आपका दिल तय करता है...-
पहले के वक्त में लोग खुद से गिरते थे तो दूसरे उठाते थे
आज दूसरे गिराते हैं और खुद से उठना पड़ता है....-
आज हम नीचे हैं तो आसमान भी घमंड दिखाता है
कल हमारी ऊंचाइयों को नापने में आसमान भी घुटने पर दिखेगा.......-
जिन्दगी की गाड़ी का तेल कब खत्म हो जाए पता नहीं, लेकिन जिन्दगी की गाड़ी को सही दिशा में ले जा तों सकते हैं। अच्छा है कि जिन्दगी की गाड़ी तभी रूकें जब तेल खत्म हो वरना दुर्घटना से गाड़ी तो रूक ही जाएगी साथ में जितनी दूरी तय की थी वो भी व्यर्थ ही चलीं जाएगी।
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यार स्कूल के हों या कालेज के हों या हों बचपन के
होते सभी कमीने हैं ,
न कोई हिन्दू , न कोई मुस्लिम , न कोई धर्म बस होता
एक याराना है ,
दोस्त तो आज भी वही हैं बस बदल गया है वक़्त और
सोचने का नज़रिया ,
आज वो पानी पीने में कतराते हैं जो कभी लन्च चोरी
करके खाया करते थे,
कहते हैं अभी जिन्दगी जी लो अरे भई जिनदगी तो
बचपन में ही जी ली थी साला अब तो बिता रहे हैं।।।
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सिर्फ़ उस ऊँचाई पर पहुँचना चाहता हूँ जहाँ
मेरे मम्मी - पापा कुछ माँगे तो मैं मना न कर पाऊँ ।-
मैं जैसा आज हूँ वैसा ही कल रहूँ तो ये मत समझना
खेला होगा तुमने बहुत दिलो के साथ माना ,
लेकिन ये हमारा दिल है अपने बाप का माल मत समझना....
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