20 OCT 2019 AT 19:25

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"मनोबल जब भी टूटता है
कई बार हार जाने के बाद।
उठता नहीं इंसान कभी फिर,
ज़रा सी चोट खाने के बाद।"
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(पूर्ण कविता अनुशीर्षक में.......)

- ©रजत द्विवेदी