कल रात जो तेरा खयाल हमने राख कर दिया था,इस सुबह ने फिर वही भस्म हमारे माथे पर मल दी| - ©रजत द्विवेदी
कल रात जो तेरा खयाल हमने राख कर दिया था,इस सुबह ने फिर वही भस्म हमारे माथे पर मल दी|
- ©रजत द्विवेदी