13 APR 2018 AT 9:15

आसमान से ऊँचा क्या है?कौन समुद्र से गहरा?
कौन भूमि से भारी जग में?कौन जल से पतला?
कौन सूर्य से भी ज्यादा चमक रहा इस जग में?
कौन डूब कर गिर जाता है घने काले गर्त में?
कौन यहाँ पर अमर हो जाते?कौन यहाँ नश्वर है?
कौन यहाँ पर सदा हारते?कौन यहाँ अजर है?

आसमान से ऊँचा जग में स्वाभिमान है नर का
और समुद्र से गहरा जग में विशाल सागर प्रेम का|
भूमि से भी भारी जग में पाप,कपट और छल है|
जल से भी पतला इस जग में ज्ञान का गंगाजल है|
सूर्य से भी ज्यादा चमकता मनुष्य का कर्म है|
और डूबा देता जो गर्त में धर्म नहीं अधर्म है|
सच्चा शूरवीर जगत में सदा सदा अमर है|
मूढ़मती पथहीन मनुज तो निश्चय ही नश्वर है|
यहाँ हारते सदा वही जो संबंधों से डरते हैं |
जो समाज से संबंध बना सके, वो ही मनुज अजर है|

- ©रजत द्विवेदी