लोगों ने बताया हैं कि वक्त बदलता है
और
वक्त ने बताया हैं कि लोग बदलते हैं-
शुभं करोति कल्याणमरोग्यं धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशय दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते ॥1॥
दीपज्योतिः परब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः।
दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते ॥
शुभ, स्वास्थ्य और समृद्धि के प्रवर्तक दीपक के प्रकाश को प्रणाम,
जो शत्रुतापूर्ण भावनाओं को नष्ट कर देता है;
उस दीपक के प्रकाश को प्रणाम।
दीपक के प्रकाश को प्रभु श्री विष्णु का प्रतिनिधित्व करते हैं,
दीपक के प्रकाश जगत के पालनहार श्री विष्णु का प्रतिनिधित्व करते हैं,
दीपक की ज्योति मेरे सभी पापों को दूर करती है; दीपक के प्रकाश को नमस्कार।-
बिछड़ गए तो ये दिल उम्र भर लगेगा नहीं
लगेगा लगने लगा है मगर लगेगा नहीं
नहीं लगेगा उसे देख कर मगर ख़ुश है
मैं ख़ुश नहीं हूँ मगर देख कर लगेगा नहीं-
किसी के ऐब को तू
बे-नकाब ना कर
ख़ुदा हिसाब करेगा सब का
तू हिसाब ना कर
बुरी नजर से ना देख
ऐ मुझको देखने वाले
मैं लाख बूरा सही
तू अपनी नज़र खराब ना कर
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दिन रात मेहनत करने के
बाद भी
गला घोट घोट कर जीना
खाने का वक्त तय नहीं
और
काम बहुत ज्यादा
इज़्जत कम
और
पैसे उससे भी कम
मां बाप का साथ नहीं
किसी के कहे पर भरोसा हों जाएं
ऐसी किसी में भी बात नहीं
ऐ बड़े शहर
तेरा बहुत कर्जा है मुझ पे
सब चुकाउंगा बारी बारी से-
छत पे कमरा हैं मेरा
कमरा भी कोने वाला
बहुत आसानी से
हो जाता हैं
काम रोने वाला-
कई दिनों बाद आज मेरा ये दिल
यही सोच कर रो दिया।
की आखिर ऐसा क्या पाना था मुझे
की मैंने ख़ुद को ही खो दिया ।।-
की कुछ भी अपना नहीं हैं मेरे पास
ये बद्दुआ भी किसी और की दी हुई हैं-