तेरे इश्क़ में मैं खुद को खो बैठा,
तेरी बाँहों में हर ग़म को छोड़ बैठा।
तू पास हो, तो दुनिया दूर लगने लगती है,
तेरे साथ, यह हर रात भी स्वर्ग सा लगता है।-
चाँदनी में, खामोशी से मैं बैठा हूँ,
तेरी यादों में खोया, हर पल मेरा चलता हूँ।
दिल की धड़कनें बस तेरा ही नाम पुकारे,
तेरे बिना हर लम्हा जैसे मुझसे दूर जाए।
आँखों में ख्वाब, दिल में है तेरा इंतजार,
हर रात मेरी, तेरे बिना सुनी-सुनाई सी बार।
फिर भी मैं बैठा हूँ, आसमानों के नीचे,
तू लौटे, जब तेरे कदम आ जाएँ मेरे बीच।
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इश्क़ एक जज़्बा, जो दिल में बसा हो,
खुशबू जैसे फूलों में छुपा हो।
इसे शब्दों में बांधना मुश्किल है,
ये तो वो एहसास है जो खुदा से जुड़ा हो।
तेरे चेहरे की मुस्कान में दुनिया सिमट जाए,
तेरी आँखों की गहराई में सागर मिल जाए।
तेरे स्पर्श से रूह को शांति मिलती है,
तू है वो ख्वाब, जो आँखों में पलती है।
तेरे बिना हर लम्हा सूना सा लगता है,
तेरे पास होने से हर दिन सोना सा लगता है।
इश्क़ में डूबे हम, खुद को खो बैठे,
सच्चा प्यार वही है, जो कभी ना थमे।
दिल से दिल मिलते हैं, बिना शब्दों के,
कभी हवाओं में, कभी जज़्बातों के।
इश्क़ है तो बस एक तन्हाई का नाम,
प्यार ही है जो दुनिया को बनाता है आसान।
कुछ कहने की ज़रूरत नहीं, बस महसूस कर,
इश्क़ है वो दर्द, जो दिल से गुजर कर,
सच और झूठ से ऊपर, बस यही एहसास है,
प्यार ही है, जो हमें इंसानियत का एहसास है।
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हर रिश्ते में अब शक की दीवार खड़ी है,
कपट के शहर में सच्चाई सबसे बड़ी सज़ा बनी है।
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स्याह रात का सूनापन कुछ यूँ बोल पड़ा,
चाँद भी चुप है, सितारों ने दामन छोड़ दिया।
हर साया खुद से डरता है, हवा भी सिसकती है,
तनहाई के क़दमों ने लिख दी एक दास्तां जुदा।
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बारिश की बूँदें छत पे जब गिरीं,
जैसे कोई याद दिल में आके बसी।
भीगती रहीं गलियाँ, भीगता रहा मन,
हर बूँद ने कुछ कहानी सी कही।-
मृत्यु ही है जीवन का आखिरी किनारा,
सब कुछ यहीं छोड़ जाना है हमारा।
सांसों का रिश्ता पल में टूट जाएगा,
यह सत्य हर जीवन को समझ आएगा।-