Raja Bhaiya Patel   (राजा भैया पटेल(विरुद्ध))
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विचारक अतीत के झरोखों का.!!
Joined 23 April 2019


विचारक अतीत के झरोखों का.!!
Joined 23 April 2019
25 JUN 2022 AT 23:23


एक दिन नए आशा के द्वार खोलेंगे
जल्द ही मजबूरी के बंधन तोड़ेंगे
फिर चहक आएगी मरु भूमि में
फिर वही सुरमयी मधुर तान छेड़ेंगे

सफर दुष्कर ,दुरन्तर, दुर्गम है
साकी निकृष्ट,निर्दयी, निर्मम है
चित्त आमोद-प्रमोद से ओतप्रोत है
सफर का मजा लो मंज़िल मौत है

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30 MAR 2022 AT 11:20

परिकल्पनाओं के सहारे ज़िंदा रहोगे
तुम सपनो को मन में गढ़ते रह जाओगे
कोई ले जाएगा तुम्हारी महबूबा को व्याह कर
तुम यूँ ही आँखे पढ़ते रह जाओगे

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17 MAR 2022 AT 19:50

रूह के चिथड़े उड़े ऐसे फिर जुड़ न सके
इतने आगे बढ़ चले फिर मुड़ न सके

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23 FEB 2022 AT 0:24

हाथ से रेत फिसल रही ज़रा ज़रा है
जमाने का ग़म वो आज भी हरा हरा है।

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14 FEB 2022 AT 21:58

® इंतजार बस इतना है~
किसी ने बताया आज वैलेंटाईन-डे है, पर यहाँ अधिकतर लोगों की प्रेम कहानी में इजहार भी कट-ऑफ क्लीयर नहीं हो सकी है। यहाँ एक दूसरे के आत्मसम्मान और परिवार की प्रतिष्ठा के बीच सामाजिक तराज़ू समन्वय बिठाए हुए है।

बस यही समन्वय हमारी उम्मीद को जीवित रखता है और जीवित रखता है हमारी कहानी।
इंतज़ार बस इतना कि एक दिन हम स्वाभिमान के साथ बात करने की हिम्मत जुटा पाएँगे, एक दिन हम मजबूरियों के बंधन को तोड़ेंगे, एक दिन हम आशाओं का नया द्वार खोलेंगे और बेरोजगारी का कलंक मिटा कर एक दिन हम भी छात्र जीवन को शान से अलविदा कह सकेंगे।

और वो दिन आएगा भी या नहीं, हम जानते नहीं!

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26 JAN 2022 AT 22:32

बड़े बड़े से नेता बन गए देखो चोर-उचक्का
तुम तैयारी में बूढ़े हो गए कह गए फरसू कक्का.....

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19 DEC 2021 AT 0:10

तन तन दोई जने चुप राएं इत देखत उत नाएं
रपट लिखावे की बात नोनी टरो इते से माएं
चुनावी पंचयात नोनी मम्मा बेड़नियां सी नचायें
बुढ़ाने फिर रये रजऊ कहाँ लो गम्म खाएं
तन तन दोई जने चुप राएं.....

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11 DEC 2021 AT 2:34

जा भई दशा चुनाव के मारे रजऊ तुम्हारे द्वारें
जौंन घड़ी से परी है वोटें खिच गयी है तरवारें

फरसू कक्का चुनाव के पाछै खुरकी पीटें डारें
जा भई दशा चुनाव के मारे रजऊ तुम्हारे द्वारें

हमाई जान अधबीचा अटकी रजऊ रजे बहारें
हम तो बैठे चैन मड़ैया,बीड़ी को बिंडल बारें

टिकी हती भितिया से हो गई ओट किबारें
वोट सबइ जन करियो ऊबत से अन्ध्यारें


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2 NOV 2021 AT 12:46

निखरेगा टूटेगा अकेला पाएगा
दुआओं का असर रंग लाएगा
जो आज है कल न नजर आएगा
वक़्त है गुजर जाएगा......
☺️

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31 AUG 2021 AT 21:32

इश्क़ का दस्तूर अनूठा है
यहाँ हर दूसरा शख्स झूठा है...

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