पानी के बिना 'नदी' बेकार है,
अतिथि के बिना 'आंगन' बेकार है।
प्रेम ना हो तो 'सगे-संबंधी' बेकार हैं,
और अगर जीवन में
'दोस्त' ना हों तो 'जीवन' बेकार है।-
Raj Vats
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सही से जीवन को जीना कठिन है
Joined 17 November 2017
24 FEB 2022 AT 20:38
24 FEB 2022 AT 18:16
छुपाने लगा हूँ कुछ राज आजकल अपने आप से,
सुना है, कुछ लोग मुझको मुझसे ज्यादा जानते हैं।-
19 FEB 2022 AT 13:05
खामोशी भी अजीब है,
कहीं तो ये अजीब सा रिश्ता बन जाती है!
लेकिन
अगर रिश्तों में आजाये तो घुटन बन जाती है।-
5 FEB 2022 AT 20:05
जिन लम्हों में तुम खामोशी चाहते हो,
वो पल तुम मेरे साथ काट सकते हो।
जब भी जाहिर करने हों जज्बात,
तुम अपनी तकलीफ बांट सकते हो।
गुस्से से मन जब भी भारी हो जाये,
तुम बेझिझक मुझे डाँट सकते हो।
मेरा रिश्ता तुमपर कोई बोझ नहीं,
तुम जब चाहो ये डोर काट सकते हो।-
4 DEC 2021 AT 8:04
जिद्द, गुस्सा, गलती, लालच
और अपमान खर्रान्टो की तरह होते हैं,
जब दूसरा करे तो बहुत चुभते हैं,
परन्तु स्वंय करें तो अहसास तक नहीं होता।-
9 OCT 2021 AT 9:36
छोटी-छोटी चिंटी का समूह भी बड़े सांप को मार देता है, जो लोग समूह में रहते हैं उनसे झगड़ा करने से पहले 5 बार सोचना चाहिए और स्वयं भी अपना समूह बनाना चाहिए।
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