मेरे लिए ना जाने तुम कितने खास बन गए हो
जीवन जीने के लिए मेरे तुम स्वास बन गए हो
मेरे डूबते हुए कश्ती को बस तेरे किनारे की जरूरत है
तुम ही मेरे खुशियों की आखरी आश बन गए हो-
तुम हो हमारे सामने पर हालातों से हो मजबूर
कैसी ये कश्मकश जो पास हो के भी हो दूर..-
थाम के मेरा हाथ तुम चलो चार कदम
रुके थमेंगे वहां जहां हो बस तुम और हम
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दिल की जुबां लफ्जों से कहा नहीं जाता
तुमसे दूर रह कर हमे एक पल रहा नही जाता
तुम कैसे होगे ये सवाल दिल को खलते रहते है
तुमसे अलग रहकर ये दर्द–ए –जुदाई सहा नही जाता-
बीत गई होली खत्म हुआ रंगो का त्यौहार
जिनसे हमने रंग खेलना चाहा वो फिर छूट गई इस बार....-
मेरी बातों पे मोहतरमा अगर तुम्हे यकीन नही है
तो
मेरी नजर से देखो इस समा में तुमसे ज्यादा कुछ हसीन नही है-
जब से देखा हैं तुमको और कुछ रास नही आते हैं
जल्दी आ जाओ जान तुम्हारे बिना हमे सांस नहीं आते है...-
कितना भी समझा लूं ये दिल कहां मानता
तेरे मेरे बीच की दूरियां कहां पहचानता
हर घड़ी तू इतनी याद आती है मुझे
तुम्हें क्या पता, बस मेरा दिल ही ये जानता-
साथ तो उठती जा मेरा साथ तू ढलती जा
हाथ पकड़ कर साथ साथ ता उम्र आगे बढ़ती जा
मेरे साथ तू सीखती जा मेरा साथ तो गढ़ती जा
ऊंचे से ऊंचे मंजिलों पर मेरे कंधे के सहारे चढ़ती जा
ना डर तू अपनें आज से ना मुसीबतों से सजी साज से
हाथ पकड़ कर साथ साथ ता उम्र आगे बढ़ती जा
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इमली की पानी जैसी चटपटी वो
और मैं गोलगप्पे जैसा उसमे डूबना चाहूं...😅🙈-