अगर किसी चीज़ पर गरूर आने लगे तो
#क़ब्रिस्तान का एक #चक्कर लगा लेना वहा
आपसे भी बेहतर #इंसान मिट्टी के नीचे #दफ़न है.-
लेहजे बयान कर देते हैं लोगों के।
परवरिश की गई है या सिर्फ पाले गए है।-
इतनी ठोकरे देने के लिए शुक्रिया ए-ज़िन्दगी
चलने का न सही, सम्भलने का हुनर तो आ गया— % &-
तेरे इश्क में बीमार हूं, मैं तेरे दिल की तरह बेकार हूं। मैं रह जा तू मेरे पास अपने दिल की तरह बेकार है। तू ओह सुन रे मेरी बेवफा मुझे बदनाम कर दिया, जो कहती थी तेरा जीना हराम देगी— % &
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Unko bhi happy Holi
jinki Mohbbat rang
badal kar kisi or ki ho li— % &-
एक कब्र पर लिखा था...
किस को क्या इलज़ाम दूं दोस्तो...,
जिन्दगी में सताने वाले भी अपने थे,और दफनाने वाले भी अपने थे..— % &-
ये मेरी शायरी ने भी कमाल कर दिया,
आज शायरी
सुनके उसने मुझसे कहा
मेरी जान ले लो मगर मुझे बेबफा ना कहो— % &-
कोई और गुनाह
करवा दे मुझ
से मेरे खुदा
मोहब्बत करना
अब मेरे बस
की बात नहीं ।— % &-
कुछ बातों के मतलब हैं
और कुछ मतलब की बातें, . . .
जब से फर्क समझा,
जिंदगी आसान हो गई!!— % &-