ग़म है तो कोई लुत्फ़ नहीं बिस्तर-ए-गुल पर ,,
जी ख़ुश है तो काँटों पे भी आराम बहुत है ।।
🍂बेमतलब चाह-
वरना कौन ठीक होता है यूँ हाल पूछने से🤔
सुधर जाते है कुछ लड़के घर की जिम्मेदारी तले,
मोहब्बत मे बिछड़कर हर लड़का पागल नहीं होता...
🍂बेमतलब चाह-
तेरी खुशी ही मेरी खुशी है
तू जो नही है तो फिर
खुदखुशी हे....
🍂 बेमतलब चाह-
मिजाज में थोड़ी सख्ती जरूरी है साहेब
लोग पी जाते अगर समंदर खारा न होता...
🍂 बेइंतहा चाह-
बड़े बड़े गम खड़े हुए थे रास्ता रोके राहों में
छोटी छोटी खुशियों से ही
हमने दिल को शाद किया,,,,।।
🍂बेमतलब चाह-
ये मत सोच के तेरे काबिल नहीं है हम
अरे
तड़प रहे हैं वो लोग जिन्हें हासिल नहीं हैं हम..।।
🍂 बेमतलब चाह-
पहले उलझते थे हर बात पर
अब खामोशी से हार मान लेते है।
कुछ हादशो ने हमे
समझदार बना दिया।
🍂 हालात-
फैसला को कुछ भी हो
मंजूर होना चाहिए...
जंग हो या इश्क़ हो
भरपूर होना चाहिए...!-
अकेले ही तय करने होते है
कुछ सफर जिंदगी के
हर सफर में हमसफ़र नहीं होते ..!
🍂तनहाई🥺-