मुझ पर जिम्मेदारियां थी बहुत मेरे घर की,
माफ़ करना तेरे इश्क में__मैं मर नहीं सका।।-
हर चाल ज़िन्दगी की मुझे सीखना पसन्द है......
मुह पे बोलके रिश्ते तोड़ने से ... read more
मुझ पर जिम्मेदारियां थी बहुत मेरे घर की,
माफ़ करना तेरे इश्क में__मैं मर नहीं सका।।-
मेरा ज़िक्र होगा मेरी याद आएगी मेरा ख्याल करोगे
एक दिन आएगा जब तुम मेरी ग़ज़ल इस्तेमाल करोगे ।-
मेरे मरने के बाद उफ़ क्या नजारे हो रहे होंगे,,
कुछ जबरदस्त तो कुछ जबरदस्ती रो रहे होंगे.!!-
_हसरतों को दफनाने का सामान होना चाहिए,_
दिल के किसी कोने में कब्रिस्तान होना चाहिए..!!-
ख्वाब....
ख्याल....
मोहब्बत....
हक़ीक़त....
गम और तन्हाई....
ज़रा सी उम्र मेरी किस-किस के साथ गुज़र गयी!!-
सौ सौ एहसास छुपे हैं
मेरे एक एक लफ्ज़ में....😍
ख़ुदा जाने तुम
कितना समझ पाते हो....😏
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“जूनून-ए-इश्क था तो...कट जाती थी रात ख्यालो में..
सजा-ए-इश्क आयी तो हर लम्हा सदियों सा लगने लगा"!!-
बर्बाद ना कर अपने अल्फ़ाज़ किसी पर,
ख़ामोश रह कर देख तेरा दोस्त कौन है.!!-
जब वह अपने हाथों में मेरे नाम की लकीरें ढूंढ कर थक गई
सर झुका कर बोली लकीरें झूठ बोलती हैं तुम सिर्फ
मेरे हो!!-