प्यार भी कब कहां किसी से कुछ सोच के होता है
जो नसीब में नहीं प्यार भी तो अक्सर उसी से होता है
मिल जाता अगर प्यार इतनी ही आसानी से अगर
तो सोचो क्या राधा और कृष्ण का नाम इस दुनियां में होता-
I write what I feel...
अंग्रेजी च हाथ तंग😂😂😉
बस अब कतरा बाकी है मुझ में
जो ढूंढता तुझे आज भी है
उसे हो न हो न सही
पर वो मुझे याद आज भी है-
तो एक ज़ख्म हमेशा रह जाता है
बीत जाता हैं वक्त तो
पर वो ज़ख्म जिंदगी भर याद रहता है-
तेरे अन्जुमन में जब भी चलेंगी बात हमारी
अफ़साना हमारा ही गूंजेगा
अब्सार ढूंढेगी हमे तुम्हारी
और अश्क आंचल भिगो देगा
आरज़ू होगी मिलने की तुम्हारी
पर वक्त मिलने की सारी आस खो देगा
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याद दिलाती है गुज़रे ज़माने की
जब हमे इंतेज़ार होता था रात के साथ
किसी के आने का-
सुना है क़यामत के दिन हिसाब होता है सारे गुनाहों का
तो अब क्या तुझसे मिलने के लिए हमे क़यामत तक का इंतेज़ार करना होगा-
हर कोई बे–ज़ार रहा ता–उम्र हम से
बे–जुर्म ही हम हर किसी के गुनाहगार रहे
बे–ज़ार=अप्रसन्न, बे–जुर्म= निर्दोष
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Main sahi wo bura kyu ye baat hum khud ko samjhaye
Kyu na hum aisa kare ke apne andar jhank k aayen
Naam alag h uska par hai to ek kyu ye baat hum ab tak jaan na paye
Kisi dharm ka hone se phele kyu na hum pehle Insan ho jaye-
Kyun ye baat
insan bhul jata hai,
dharm ne insan nahi
insaan dharm bnata hai
Behtar ho ke har insaan
pyar se rahe,
gaur se padhao to
har dharm yehi to sikhata hai-