ज़िन्दगी में, रौशनी होती है माँ
धड़कनों में, ज़िन्दगी होती है माँ
शामियाना है घना वो , धूप में
छाँव शीतल,चाँदनी होती है माँ
हर जगह होना ख़ुदा,था लाज़मी
इसलिये घर घर, डटी होती है माँ
© कैप्टेन आर 'ग़ज़लयार'
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I work like a SLAVE a... read more
सिन्दूर तो अब भी
रो रहा है
यादों को अश्कों से
धो रहा है,
यादें टक्कर मारती हैं
छाती में
अब तेल कहाँ
जीवन की बाती में?
💔😢🇮🇳🫡
© #कैप्टेन आर 'ग़ज़लयार'-
सिन्दूर तो अब भी
रो रहा है
यादों को अश्कों से
धो रहा है,
यादें टक्कर मारती हैं
छाती में
अब तेल कहाँ
जीवन की बाती में?
💔😢🇮🇳🫡JAI HIND
© #कैप्टेन आर 'ग़ज़लयार'
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नज़्म
______
बस
'पापा पापा पापा' की ही रट है
दिन और रात,
कौन समझाये
सुबकती नन्ही को
शहादत की बात?
💔😢🇮🇳🫡 जय हिन्द🫡
©कैप्टेन आर 'ग़ज़लयार
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नज़्म
______
बस
'पापा पापा पापा' की ही रट है
दिन और रात,
कौन समझाये
नन्ही को
शहादत की बात?
💔😢🇮🇳🫡
©कैप्टेन आर 'ग़ज़लयार
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अब ख़त्म है ,तेरी दहशतगर्दी,सुन ले
अब होगी ख़राब, तेरी मिट्टी,सुन ले
इतरा मत मासूमों की जानें लेकर
दुनिया ने देखी, तेरी नामर्दी,सुन ले
गर दम था, तो सेना से पूछा होता
मज़हब बतलायेगी,अब वर्दी,सुन ले
© #कैप्टेन आर 'ग़ज़लयार'
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नामर्दों का धंधा है दहशतगर्दी
सबसे भददा चहरा है दहशतगर्दी
क्या अपनी माँ को बेवा कर सकते हो ?
घिन का गिरगिट चहरा है दहशतगर्दी
मासूमों की लाशों की है हमको सौगंध
दोज़ख़ तुझको देना है दहशतगर्दी
@कैप्टेन आर कुमार
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मैं अब तक मैला अनगढ़ पत्थर हूँ
गहरे जाना है, लेकिन तट पर हूँ
चोटों की धुन,मैं सुनता हूँ अक्सर
मैं छैनी से छिलने को तत्पर हूँ
© #कैप्टेन आर 'ग़ज़लयार'-