बस नाम जानती थी
तस्वीर थी, पर ध्यान से देखी नहीं
बस नाम जानती थी
माँ ने बताया था
सितारे हमारे खूब मिले है
माँ ने और भी कुछ बताया था
पर माफ़ करना याद नहीं है
तुम्हारा ज़ब दीदार हुआ
दिल ने कहा, हां बस यही है
मोबाइल की स्क्रीन पर
तुम्हारी वो मंद मुस्कान अच्छी है
जिसे ध्यान से देखा नहीं
उसपर आकर नज़रे थम गई थी
अच्छा हुआ कुछ जाना नहीं
क्युकी तुम्हारे सीवा अब कुछ पाना नहीं
मै जान ना चाहती थी
तुम क्या महसूस करते हो
कभी तो बताना मुझे
क्या तुम भी मुझे खोने से डरते हो
आँखे तुम्हारी कह रही थी
तस्वीर थी, पर तुमने भी देखी नहीं
बस नाम जानते थे
बस नाम जानती थी
अब जो ना जानू वो कम है
जान लो सिर्फ मेरे हो
आज कह रही मेरी कलम है
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