नींद खुले रातों में, तो तेरे ख्यालों से डर लगता है,
नींद के लिए मैंने फिर खुद को ज़रूरत से ज़्यादा थकाया है,
जब दिल कहने लगा कि उसे चैन बस तेरी बातों में है,
मैंने उसे बेचैनी में रहना सिखाया है,
मन के एक कोने में मैंने आज भी तेरी प्रीत को छिपाया है,
जब तू ना समझा तब मैंने इस तरह, खुद को बहुत समझाया है...
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लोगों का क्या है, लोग तो कुछ भी कहेंगे,
जो तुमने मंजिल पा ली, तो लोग रास्ते आसान कहेंगे,
जो चूक गए तुम कहीं, तो तुम्हें नाकाम कहेंगे,
कम रह गए तो नकारा, ज़्यादा पर बेईमान कहेंगे,
तुम हद से ज्यादा अच्छे हुए तो दिखावटी, बुरे बने तो कपटी कहेंगे,
किसी की मोहब्बत में हो, तो बेहया,
दुनिया से अलग हो, तो खुदगर्ज कहेंगे,
जो सहते गए सब तो पागल, आवाज़ उठाते ही बदतमीज कहेंगे,
और तुम्हें फिर भी पड़ी है कि ये लोग क्या कहेंगे!-
यूं तो रखते हैं हज़ार ख्वाहिशें सभी मन में,
पर हर एक ख्वाहिश का पूरा हो जाना ज़रा मुश्किल है,
तुम ही समझते हो जो तुम महसूस करते हो,
किसी और का तुम्हारा हर एहसास समझ पाना ज़रा मुश्किल है,
कुछ बातें हम समझा नहीं पाते, खुद को भी,
खुद अपने ही दिल को हर बार समझा पाना ज़रा मुश्किल है,
और जो कहते हैं हर बात को पीछे छोड़ दो,
एहसासों के समुंदर को हर बार किनारे लगाना ज़रा मुश्किल है....-
जब ज़मीन पर सब कुछ खो जाता है,
तब तारों में शायद अपना कोई मिल जाता है...-
मसला बस इतना सा है कि आपको फरिश्ता चाहिए...
और मैं एक मामूली इंसान हूं...-
खुद से खुद की जंग जब छिड़ जाए,
क्या फर्क पड़ता है तब,
कौन जीते और कौन हार जाये?-
प्यार उसे नहीं कहते जो बस ज़रूरत में अच्छा लगे,
प्यार तो वो है, जो हर सूरत में अच्छा लगे..-
जिंदगी की किताब में,
धैर्य का एक कवर जोड़ दो,
जो बाकी सभी पन्नों को जोड़ के रखने के,
बहुत काम आएगा...
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कभी खुद के ख्यालों से भागते हो,
कभी खुद ही खुद में रहते हो,
सही गलत का फ़र्क करने,
तुम कब खुद से खुद का ही सामना करते हो,
कभी कुछ कह कर डरते हो,
तुम वाकई बातों में कच्चे हो,
क्यूं, क्या, कैसे, सब छोड़ कर, अडिग अपनी जब बात रखोगे,
उस पल समझ लेना अब तुम खुद ही खुद को औरों से बेहतर समझते हो...
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तुमसे इश्क चाहे कितना भी हो मुझे,
पर खुद से भी उतनी ही मोहब्बत करूंगी,
कितने भी इम्तेहान लो, कह लो कुछ भी मुझे,
फिर भी तेज आवाज़ और बद्तमीज़ी नहीं सहूंगी,
तुम जाना चाहो, तो चले जाना,
तुमसे कोई शिकायत नहीं करूंगी,
पर तुम्हारी मोहब्बत की बराबरी,
मैं अब खुद की मोहब्बत से किया करूंगी...
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