अपने भीतर झांक रे मनवा,
अपने भीतर झांक।
हर समस्या का हल मिलेगा,
संपूर्ण आत्मबल मिलेगा,
अंधकार से डर न तू,
तुझको तेरा घर मिलेगा।
अपने भीतर झांक रे मनवा,
अपने भीतर झांक।
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Surrender to the utmost is both relieving and painful at the same time.
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मानो चाँद से चाँदनी रूठ गई हो,
फूलों से महक छूट गई हो,
नदी में प्रवाह न हो, बारिश में नमी न हो,
इंद्रधनुष में रंग न हो, मेरा रब मेरे संग न हो।
ऐसा लगता है,
तेरे रूठ जाने पर।
संगीत में जज़्बात न हो, कंठ में अल्फाज़ न हो,
दिल है, धड़कन न हो, आँखों में कोई ख़्वाब न हो,
नींद में भी सुकूं न हो, मानो शरीर है,पर रूह न हो।
ऐसा लगता है,
तेरे रूठ जाने पर।-
तेरी आँखों की चमक
और मेरे लबों पर मुस्कान,
दोनों ऐसे बातें करते हैं
मानो जन्मों से यारी हो।-
तेरे अस्तित्व को
कैसे नकार दूं मैं सांवरे!
मानो हर लम्हा
तेरी बांसुरी का स्वर हो!
जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं!🌼-
यूं तो हम में
कोई खास बात नहीं..
यह तो बस तुम्हारी
मोहब्बत का सुरूर है,
जो हमें आम से खास
बना देती है..-
जज़्बातों का यह कैसा उफ़ान है?
मानव खो बैठा अपनी ही पहचान है।
यह अहम् का ताज किस काम का?
प्रेम के बिना हर जीव बेजान है।
डर का अंकुर जो सींचोगे,
तो सुकून कहाँ से पाओगे?
विश्वास जो करलो तुम खुद पर,
तो भव-सागर पार कर जाओगे।-
जब नैन मिलाने के खेल में,
रूह मिल गई
उस पल से मैं 'मैं' न रही,
मेरी शख्सियत बदल गई।
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LOVE is the realisation of SELF. It's like blooming of a lotus deep within, enchanting each and every cell of mine with its fragrance. Love is being 'one with self' and self with others'.
It's not a feeling as feelings come and go, instead it's infinite, eternal. There is no need to seek it out, it's right there within me. When I am ignorant of self, I am unable to experience love.
Love is just LOVE, the "purest form of self." Terms like conditional or unconditional love, true love, divine love, self love etc. are misleading as there are no such dimensions of love.
I am Love, you are love, others are love too. Each and every being or non-being in the nature is created 'by love' and 'with love'.
"Love is the key to liberation."-