अमुक मुझे पता है! मैंने आस्तीन में सांप पाले हुए हैं,
हम भी कोई कच्चे खिलाड़ी थोड़े, समय पर पकड़कर जहर गरारे हुए हैं.....
वह अगर जहर उगले, तुम उस ज़हर के शोषित बनो,
हद तक करता विष को धारण, फन को कुचलकर दांत हमने निकाले हुए हैं.....
#मेरीकलमसे
#राहुलयादव
#निशब्द-
तू अकेला ही चला था फिर ये मेला कैसा,
इस तपती हुई जिन्दगी... read more
पहलगाम का हादसा बहुत ही ह्रदय विदारक है,
धर्म के नाम पर किया हमला, घृणता का कारक है.....
क्या दोष था उन बेचारे घूमने गये पर्यटकों का,
क्या सरकार बस लीपेगी, अब हमला ही उपचारक है.....
#मेरीकलमसे
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#निशब्द-
हे परमपिता परमेश्वर तू कितना दयालु है कि हम इस जीवन में रहते हुए जाने - अनजाने में नित नये पाप करते रहते हैं और तू है कि हमें नासमझ समझकर अपना आशिष बनाये रखता है, हे मेरे परमेश्वर!
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#निशब्द-
कुत्ते की तरह भौंकना और गधे की तरह रेंकना मनुष्य को कब इंसान
से जानवर बना देता है उसको खुद पता नहीं चलता |
वह जानवरों जैसी हरकतों को मनुष्य का गुण मान बैठता है जबकि असल में वह मनुष्य है ही नहीं, वह दो पैर, दो हाथ वाला एक अलग किस्म का जानवर है.....
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#निशब्द-
सुनो अमुक अपने मन की हर बात हर किसी को बताया नहीं करते,
जो अक्ल से हैं बहुत बड़े मूर्ख, उनको सबक का पाठ पढ़ाया नहीं करते.....
अपने विचारों का मूल्यांकन करो, शब्दों से बड़े अमीर इंसान बनो,
जहां जरूरी है बोलना! बोलो बेशक, सबको सबकुछ सुनाया नहीं करते.....
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पानी के जहाज पर जाता था, पत्नी - बच्चे के लिये कमाने,
घर आया था दोनों के जन्मदिन मनाने को, प्राण पड़े उसे गंवाने.....
शरीर के कई टुकड़े किए राक्षसों सा व्यवहार करके उन्होंने,
तन्त्र, मंत्र, नशे से थे जुल्मी ग्रसित, टुकड़ों को लगा दिया ठिकाने.....
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अमुक अपने गांव की तो हर बात निराली है,
हर तरफ सुगन्धित बयारें, चारों ओर हरियाली है.....
घूमों - फिरो हर तरफ, पेड़ों की छांव भी है,
हर जगह शीतलता बिखरी, चेहरों पे खुशहाली है.....
#मेरीकलमसे
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चहुं दिश रंग बरस रहा, चहुं दिश हर्ष निराला है,
होली का है पर्व जगत में, आनंद बड़ा ही आला है.....
रंग हो अयोध्या में, होली हो प्यारी बरसाने वाली,
नंदगांव का अलग नज़ारा, झूमे नंद जू को लाला है.....
#मेरीकलमसे
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अमुक पाप का पुतला है, लेकर चला कुम्भ नहाने को,
तन को तो धोने को गया, मन को लगा वो छुपाने को.....
सोच - विचार, चित्त, चरित्र हैं अभी तक मैले के मैले,
सादगी नहीं, न गुमनामी, गया सब दुनिया दिखाने को.....
#मेरीकलमसे
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अमुक दूसरों को बदलने से अच्छा खुद में बदलाव किये जायें,
दूसरों का बहाव नहीं रोकना मुझे, खुद में ठहराव किये जायें.....
हमें अपनी मानसिकता में थोड़ा-बहुत परिवर्तन करना होगा,
जो लोग मार्ग में हों तेरे वाधक, खुद से अलगाव किये जायें.....
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