मोहब्बत कुछ कम सी हो रही है तुमसे
कही तुम किसी और को अपनाने तो नही लगी हो
यू हमारा दिल तो सिर्फ धड़कता है तुमारे लिए
पर तुम किसी और को चाहने तो नही लगी हो
कश में कश की यू जिंदगी तो प्यारी नही हमको
पर मेरे सिवा तुम किसी को चाहने तो नही लगी हो
मोहब्बत कुछ कम सी ............... ।।-
दुनिया का हर एक तस्तूर थोड़ आया हु
मैं फिर उसकी यादों को वही छोड़ आया हु
न जाने फिर कब मिलना होगा हमारा उनसे
बस यूं ही अपनी साँसों को वही छोड़ आया हु ।।-
खुद को उनकी आंखों में बंद करके महफूज हो जाना चाहता हूं मैं
अब इस दुनिया में कोई अपना नहीं सब पराए पराए से लगते हैं-
किसी से उम्मीद करना क्या छोड़ दी हमने
अब दुनिया पहले से ज्यादा खूबसूरत नजर आने लगी ||-
अब मुझे फरवाह नही अंजाम चाहें जो भी जो भी हो
बता दो मेरे दुश्मनो को भी आज उनसे मुझे पलट के देख जो लिया है ।।-
मैं तुम्हारे कहने से तुम्हारी हर बात मान जाऊ - 2
इतनी भी सिद्दत वाली तुम्हारी मोहब्बत कहा ।।-
इश्क़ में रुसवाई
खून,जाम और अश्क़ चाहे तुम कुछ भी ले लो
बस मुझे भी एक बार उंसको रुसवा होते देखना है
जो वो कहती थी सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी ही रहूंगी
एक बार फिर से उसे तन्हा होते देखना है
फिर .... फिर न करना है अब कभी किसी की मोहब्बत पर एतबार
ए खुद उसके झूठे पर्दे से हटाकर उसे रुसवा होते देखना है ........ ।।-
यू तो कहने को हर शख्स मेरा है पर
मैंने अपनो को भी बहुत बदलते देखा है ।।-
थम सी जाएंगी सांसे जो तुम्हें एक बार साथ में हाथ डालकर तो चलो
आंखों की इस नजाकत को कुछ जरा संभल के तो चलो
यू जो कमर पर रख के चलती हो इठलाते हुए
यू हो जाएंगे हम मदहोश जरा एतबार से तो चलो
थम सी जाएंगी सांसे जो तुम्हें एक बार साथ में हाथ डालकर तो चलो
ये जुल्फे जो तुम यू सवारती हो बार बार जरा इनको हवा में उलझा के तो चलो
यू मुसकराते है तुमको यू देख के हम
जरा तुम अपनी मुस्कुराते हुए चेहरे को संभाल के तो चलो
थम सी जाएंगी सांसे जो तुम्हें एक बार साथ में हाथ डालकर तो चलो-
यू लाल सुर्ख जोड़े में क्यों बैठी हो जरा अपना नकाब तो हटाइए
जिस दिल ने मेरे दिल को दस्तक दी थी उस दिल को जरा करीब तो लाइए
यू पर्दे में खुद को करके क्या यू हो जाएंगे किसी और की
एक बार अपने पर्दे को यूं हटा कर आपने इस गुलाम से जरा नजरें तो मिलाइए-