"अगर मतलब ही चाहिए होता
तो आप ही क्यों, पूरा शहर पड़ा है,
बस आपके किरदार से मोहब्बत है शायद,
इसीलिए ये दिल आपके पीछे पड़ा है",
"और हां मैं आपसे कुछ नही चाहता, बस आपकी प्यार भरी दोस्ती के अहसास ने ही मेरे दिल को संभाल रखा है"।।-
कौन कम्बख्त कहता है की एक तरफा मोहब्बत मे बहुत ताकत होती है।।
ताकत तो नही लेकिन चुतियापा बहुत होता है।।-
काश! बनाने वाले ने मुझे,
किताब बनाया होता।
काश! बनाने वाले ने मुझे,
किताब बनाया होता।
वो पढ़ते पढ़ते सो जाती,
और,
मुझे सीने से लगाया होता।।
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बस कुछ समय का ही था वो साथ हमारा,
जब एक दूसरे की फिक्र करने लगे,
बस कुछ समय का ही था वो साथ हमारा,
जिसमे हम आपके और आप हमारे हो गये थे,
बस कुछ समय का ही था वो साथ हमारा,
जब लोगो को हम खटकने लगे,
बस कुछ समय का ही था वो साथ हमारा,
जब हम प्यार मोहब्बत की बाते करने लगे,
बस कुछ समय का ही था वो साथ हमारा,
जब हम आप पर हक़ जताने लगे,
बस कुछ समय का ही था वो साथ हमारा,
जब आपको हम बोझ लगने लगे,
बस कुछ समय का ही था वो साथ हमारा,
जब आप हमसे दूर होने लगे,
बस कुछ समय का ही था वो साथ हमारा।।
बस कुछ समय का ही था वो साथ हमारा।।-
Bina dekhe teri tasveer bana sakta hu,
Binaa... dekhe teri tasveer bana sakta hu,
Bina mile tera haal bata sakta hu,
Are... meri mohabbat me itni takat hai,
Teri aankh ke aansu apni aankh se nikaal sakta hu...-
Ek naya apnapan mila, to purana sath bhool gaye
Fir jab naya apnapan chala gaya, to vapas purana sath dundhne lage
Jise naya apnapan smjha, vo apna na nikla
Or jb vapas purane sath ke paas gaye, to usse samna na ho saka
Fir bhi vo naya jo apna na tha kabhi, uske liye takleef hui
Or jis purane ko takleef hui, uski takleef samajh na sake
Fir bhi naye to aap na dikhe, kyunki vo aapka na tha kabhi
Or vo purana jisko aap na dekh sake, vo aaj bhi aapka hokar baitha hai
Aaj mahsoos kar khud ki vo galtiya, verna aisa na ho ki naya to apna tha hi nahi kabhi, kahi apna purana bhi apna na rahe...-
Tujhe paaya nahi hai fir bhi, khone se darta hu...
Shayad isi liye itna pareshan hota hu, or gussa tum par karta hu...-
कल की ही बात है,
उनकी हर बात पे पहले मेरा नाम आता था,
आज उनकी हर बात पे किसी और का नाम आता है।
कल की ही बात है,
वो दूसरो को भी हमारे नाम से ही बुला लिया करते थे फिर गलती हो गई कहा करते थे,
आज हमे ही वो दूसरों के नाम से बुला लिया करते है, और गलती हो गई हमसे कहते है।
कल की ही बात है,
अपनी हर एक बात हमसे कहा करते थे और किसी को बताते भी नही थे,
और आज हमारे सामने ही वो अपनी हर बात दूसरे से कहते है और हमे कुछ बताते भी नही।
कल की ही बात है,
उनको हमारे साथ ना होने से फ़र्क पड़ता था,
आज उनको हमारे साथ होने से भी कोई फ़र्क नही पड़ता।
कल की ही बात है,
उन्होने कहा था की अब हम तुम्हारे लिये कुछ महसूस नही करते,
आज हर रोज़ वो ये बात महसूस कराते है हमे की वो हमारे लिये कुछ महसूस नही करते।
कल की ही बात थी...
अब आज की बात करते है,
बहुत कुछ कहना है उनसे,
ये सोच कर रह जाते हैं की अगर कह भी दिया तो उन्हे कोई फ़र्क नही पड़ेगा,
क्यूंकि अब मेरी कोई अहमियत नही रही।
अलग होने की कोशिश भी करें तो नही हो पाते,
क्यूंकि हम खुद ही उनसे अलग होना नही चाहते,
आज की ही बात है,
फ़र्क इतना सा है उनके पास बहुत है, तो उन्हे हमारी कद्र नही, और हमारे पास उनके सिवा कोई नही, तो उनके आगे हमे खुद की कद्र नही।।-
Ek choti si advice
Kabhi bhi, kisi ke liye,
itna bhi available mat raho,
Kabhi bhi, kisi ke liye,
itna bhi available mat raho,
Ki vo,
Tumhari or tumhare wakt ki,
kadar hi na Kare...-