मशरूफ़ है अभी हम कमाने में बाप को तुम्हारे तनख़्वाह जो बतानी है -
मशरूफ़ है अभी हम कमाने में बाप को तुम्हारे तनख़्वाह जो बतानी है
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इश्क लौट आए तो दरकिनार करनाटूटा कांच अक्सर जख्म देता है -
इश्क लौट आए तो दरकिनार करनाटूटा कांच अक्सर जख्म देता है
आ लौट चले उस जमाने में जिस जमाने में अपने होते थे -
आ लौट चले उस जमाने में जिस जमाने में अपने होते थे
वो उलझा रहा जिम्मेदारियो में जवानी दस्तक देकर लौट गई -
वो उलझा रहा जिम्मेदारियो में जवानी दस्तक देकर लौट गई
“ना थके कभी पैरना कभी हिम्मत हारी हैजज्बा है परिवर्तन का ज़िंदगी मेंइसलिये सफर जारी है” -
“ना थके कभी पैरना कभी हिम्मत हारी हैजज्बा है परिवर्तन का ज़िंदगी मेंइसलिये सफर जारी है”
एक ख़्वाब देखा था आँखों ने इक दफ़ाना मैं उसे पा सका और ना खो सका मँजिल नही ना ही कोई मकाँ इस दफ़ा मैं बसँत का शजर हूँ ‘तोमर’उजड़ा हुआ -
एक ख़्वाब देखा था आँखों ने इक दफ़ाना मैं उसे पा सका और ना खो सका मँजिल नही ना ही कोई मकाँ इस दफ़ा मैं बसँत का शजर हूँ ‘तोमर’उजड़ा हुआ
वीरानियाँ ही रही ज़िंदगी में मेरी कहानियों का क़िस्सा हूँ मैं अबटूटकर किसी अपने से “तोमर”किसी ग़ैर का हिस्सा हूँ मैं अब -
वीरानियाँ ही रही ज़िंदगी में मेरी कहानियों का क़िस्सा हूँ मैं अबटूटकर किसी अपने से “तोमर”किसी ग़ैर का हिस्सा हूँ मैं अब
अक्सर लोग पूछते है दर्द की वजहमेरी नज़र तेरी तस्वीर ढूँढती है -
अक्सर लोग पूछते है दर्द की वजहमेरी नज़र तेरी तस्वीर ढूँढती है
तेरी बद्दुआ क़बूल हो गयी आ देख ‘तो’मर’… रहा हूँ मैं -
तेरी बद्दुआ क़बूल हो गयी आ देख ‘तो’मर’… रहा हूँ मैं
अंजान मँजिलबेपरवाह यादेंरुकती साँसेंतड़पतीं रूहतन्हा आँखेंरिसते ज़ख़्मतू सनम नही नासूर निकला -
अंजान मँजिलबेपरवाह यादेंरुकती साँसेंतड़पतीं रूहतन्हा आँखेंरिसते ज़ख़्मतू सनम नही नासूर निकला