इक वक़्त था कि,
उनके ख़्वाबों में हम उनकी हसरत हुआ करते थे,
मगर इक आज है कि,
हम उन्हें हक़ीक़त में भी मंजूर नहीं।
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थोड़ा सा लिखने की कोशिश, थोड़ा सा समझने की कोशिश, थोड़ा सा जुड़ने की ... read more
हकीकत में तुम्हें चाहते रहना
और पाना अब बड़ा मुश्किल सा लगता है..!!
अब तो उसे कहीं बेहतर तो,
मुझे अपना ख्वाब लगता है
कम स कम दर दफा उसमें तुमसे,
मुकम्मल मुलाकात तो जाती है...-
उन्हें बड़ा शौक़ था बाजार जाने का,
सबकी कीमत लगाने का,
इस दरम्यान कीमत मेरी भी लगी,
साथ मेरा भी छूटा, दिल ज़र्रा ज़र्रा टूटा।
यारों वक्त का हसीं सितम तो देखो,
वक्त बदला कीमत उनकी भी लगी
और देखते देखते वो ही बाजारू हो गए..!!-
दफ़न है दफीना तेरी मोहब्बत का मेरे दिल की गहराइयों में,
इतना आसां नहीं कि ज़रा सी बेवफाई पर उसे यूं ही निकाला जा सके।-
मुझे नही लगता कि हर बात तुझसे कही ही जाए..!!
कहते हो ना इश्क़ बेपनाह है और समझ भी,
तो बिन कहे क्यों नही समझ पाते
मेरी अनकही बातों को...!!-
तुम्हारा ही इश्क पूरी तरह सच्चा है इस दुनिया में, मेरा तो फिर झूठा ही सही..!!
तुम खुश हो बहुत मेरे दर से जाकर, मेरा क्या मैं तो जमाने से रूठा ही सही..!!
सुना है तुम्हारे पास हैं तुम्हें तुमसे जोड़ने वाले,
मेरा क्या है..
अब मेरे हिस्से में दिल मेरा टूटा ही सही..!!-
जब समझ पाया कि क्या खोया वो..!
अरसे बाद मिला मुझ पत्थर से तो,
गले लगाकर रोया वो...!!-
तेरा साथ..
तेरा इश्क..
तेरा वक्त..
चाय पर तेरी ढेर सारी बात..
तेरे साथ गुज़रे कोई खूबसूरत रात..
इक लंबी ना खत्म होने वाली मुलाकात...
खुदा से गुजारिश है कि..
हबीब मेरा मुक्कमल हो जाए
और गले लग जाए मुझे किसी तरह..।।-
अपनो के शहर में अब गैरों सा हो गया हूं..!
वो चले गए यूं ही,
मैं तो पूरी तरह खुद से खो गया हूं..!!
माना कि मंज़िल एक ना थी हमारी
मगर तेरे चले जाने से,
मैं तो अब बिन रास्ते का हो गया हूं..!!
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सबसे एक ही बात सुनता हूं हर दफा कि
इश्क में ही सारा सुकून है..!!
ऐसा लगता है कि शायद ये सब बदनसीब ठहरे
जो इनकी बेफिक्री नींद कभी पूरी ना हुई..!!-