तुम्हारे शब्दों ने कब से बेड़िया डाल ली
तुम तो बेबाक बोलती थी जाना।।-
शमशान के राजा
*बस* देखने का रिस्ता था
बात बढ़ती तो इश्क़ भी करतें।।।।।
romanticism
तुम्हारे शब्दों ने कब से बेड़िया डाल ली
तुम तो बेबाक बोलती थी जाना।।-
सुनो
मैं उसकी गली में इत्तेफाकन चला जाता हूँ
उसने तो सरे आम मना किया था।।-
सुनो
जब मोहब्बत का इज़हार करने का दिन आया
तो शब्दों ने खुद पे बेड़िया डाल ली-
सुनो
लफ्ज़ों को अगर शब्द ना मिलते
तो बता कौन तेरी खूबसूरती का बखान करता
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हमने अपनी बर्बादी के किस्से लिखे है
तुम अपनी आबादी के किस्से सुनाओ।-
ये जो तुम्हारे लिपस्टिक का हिस्सा है
यही तुम्हारे दीवानों का किस्सा है।।-