गर कोई ज़लज़ला नहीं होता|
क्या कहीं हादसा नहीं होता|
ज़िंदगी रोज़ ख़त्म होती है...
मौत ही ख़ात्मा नहीं होता|
इश्क़ में शख़्स दूर होता है...
रूह में फासला नहीं होता|
हर जगह मंजिलें नहीं होतीं...
हर तरफ़ रास्ता नहीं होता|
जख़्म की जड़ समझ नहीं आती...
दर्द का जायजा नहीं होता|
ज़िंदगी खूब स्वाद देती है...
मौत का ज़ाइका नहीं होता|
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