कौन कहता है कि,
महिलाएं तैयार होने में घंटो लगातीं है,
अगर बात मायके जाने की हो ,
तो पुरुषो से भी जल्दी तैयार हो जाती है,
😊😊😊😊-
बेटा जितनी तुम्हारी हाथों में लकीरें हैं,
उससे कहीं ज्यादा हमारे चेहरे पर निशान है,
होंगे तुम अपने घर के शेर ,
बेटा हम तो तुम्हारे जिले के भी बाप हैं,-
मतलब रिश्तेदारों से नहीं,
अपने यारों से करता हूँ,
यही कारण है कि,
मैं कुछ लोगो को मतलबी लगता हूँ,-
तुम रखते हों तिजौरी में ,
हजारों रूपये संजो कर,
वह लाखों की फसल खेत में रखकर सोता है,
होंगी मैडम तू अपने पापा की परी,
पर हम भी अपने बाप के इकलौते कोहिनूर हैं ,
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हर पल रहता है डर मुझको,
गलती कोई न में कर बैठू,
खुदा कि इस अनमोल चीज को ,
खुद से जुदा न कर बैठू ,
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नहीं पता मुझे मेरा कल,
फिर भी मेहनत करता हूँ,
आज से बेहतर हो कल मेरा,
इसी उम्मीद से आगें बढ़ता हूँ,-
हमेशा साथ रहने की बात कहकर,
फिर जुदा क्यों होते हो ,
हमेशा मीठी बातें करके,
पीठ पीछे जहर क्यों देते हो,-
संगमरमर सी उसकी मूरत,
शहद सी मीठी वाणी ,
चंद्रमा सा उसका चेहरा,
आंखे जैसे नदियां,
प्रकृति का ऐसा वर्णन,
देख चकित भये भईया,-
शक की जमीन पर रहकर,
भरोसे की बात करते हो,
क्यों सरे-आम उस भरोसे को बदनाम करते हो,-