कविता: शब्द अधूरे हैं मेरे
लेखक: राहुल सिंह चंदेल
हैशटैग: lambardar_poetry
पूरी कविता के लिये अनुशीर्षक पढ़ें।-
कविता: फ़ुरसत के पल
लेखक: राहुल सिंह चंदेल
हैशटैग: lambardar_poetries
पूरी कविता के लिये अनुशीर्षक पढ़े।-
द्वन्द है आज विचारों में,
करंट है दिमाग़ के तारों में।
क्या सोचूँ सोच से परे है,
सूखा है पानी नदिया कि धारो में॥-
Article: Brain Drain
Written By: Lambardar
Read full in caption….
-
हिन्दी साहित्य में थी एक कहानी।
शब्द थे जिसमे आकाश जितने,
और मुखड़ा था जैसे कि पानी॥-
इश्क़ मोहब्बत इज़हार तुम्हीं से है,
आज़मा लीजिए ये प्यार तुम्हीं से है।
जुर्रत चाहत इबादत तुम्हीं से है,
सुनिए ये हरकत तुम्हीं से है॥
सिरकत आहट घबराहट तुम्हीं से है,
मेरे चेहरे पर मुस्कराहट तुम्हीं से है।-
माना कि प्यार में ताज महल नहीं बनवा सकते लेकिन इश्क़ शाह जहां से कम भी नहीं किया।
-
जब सब छोड़ जाएँगें तो पाना क्या है,
क़ाज़ी साथ तो रहगुज़र का जाना क्या है।
सम्हाला बहुत है सम्हाला क्या है।
चलो छोड़ो हर बात पे बोलते हो तो
इस बात पे भी बताओ बताना क्या है।।-
कही चाहत कही विरासत तो कही इज़हार है ज़िंदगी,
कोई बसा ले अगर दिल में तो हँसकर स्वीकार है ज़िंदगी।-
उदास हो या नींद नही आई है।
बताओ क्यों मायूसी सी छाई है।।
जरूरी तो नहीं सब छुपा के रखा जाए,
दिल की बताने में कैसी कठिनाई है।।-