इश्क़ मोहब्बत इज़हार तुम्हीं से है, आज़मा लीजिए ये प्यार तुम्हीं से है। जुर्रत चाहत इबादत तुम्हीं से है, सुनिए ये हरकत तुम्हीं से है॥ सिरकत आहट घबराहट तुम्हीं से है, मेरे चेहरे पर मुस्कराहट तुम्हीं से है।
जब सब छोड़ जाएँगें तो पाना क्या है, क़ाज़ी साथ तो रहगुज़र का जाना क्या है। सम्हाला बहुत है सम्हाला क्या है। चलो छोड़ो हर बात पे बोलते हो तो इस बात पे भी बताओ बताना क्या है।।
दिन में एक बार हमारी खुद से भी मुलाकात होती है, हम जब सोच लें तो हमसे हमारी खूब बात होती है। यू तो मन नहीं भरता ख्वाबों की गलियों में घूमते घूमते, पर छोटी सी एक रात में जम्हाई भी तो साथ होती है।