Rahul S. Chandel   (लंबरदार)
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Joined 28 November 2019


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Joined 28 November 2019
20 JUN 2024 AT 15:56

कविता: शब्द अधूरे हैं मेरे
लेखक: राहुल सिंह चंदेल
हैशटैग: lambardar_poetry

पूरी कविता के लिये अनुशीर्षक पढ़ें।

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8 APR 2024 AT 7:33

कविता: फ़ुरसत के पल
लेखक: राहुल सिंह चंदेल
हैशटैग: lambardar_poetries

पूरी कविता के लिये अनुशीर्षक पढ़े।

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2 MAR 2024 AT 14:28

द्वन्द है आज विचारों में,
करंट है दिमाग़ के तारों में।
क्या सोचूँ सोच से परे है,
सूखा है पानी नदिया कि धारो में॥

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22 FEB 2024 AT 8:08

Article: Brain Drain
Written By: Lambardar
Read full in caption….

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13 FEB 2024 AT 12:11

हिन्दी साहित्य में थी एक कहानी।
शब्द थे जिसमे आकाश जितने,
और मुखड़ा था जैसे कि पानी॥

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2 FEB 2024 AT 11:00

इश्क़ मोहब्बत इज़हार तुम्हीं से है,
आज़मा लीजिए ये प्यार तुम्हीं से है।
जुर्रत चाहत इबादत तुम्हीं से है,
सुनिए ये हरकत तुम्हीं से है॥
सिरकत आहट घबराहट तुम्हीं से है,
मेरे चेहरे पर मुस्कराहट तुम्हीं से है।

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27 JAN 2024 AT 19:24

माना कि प्यार में ताज महल नहीं बनवा सकते लेकिन इश्क़ शाह जहां से कम भी नहीं किया।

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25 JAN 2024 AT 12:21

जब सब छोड़ जाएँगें तो पाना क्या है,
क़ाज़ी साथ तो रहगुज़र का जाना क्या है।
सम्हाला बहुत है सम्हाला क्या है।
चलो छोड़ो हर बात पे बोलते हो तो
इस बात पे भी बताओ बताना क्या है।।

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20 JAN 2024 AT 4:28

कही चाहत कही विरासत तो कही इज़हार है ज़िंदगी,
कोई बसा ले अगर दिल में तो हँसकर स्वीकार है ज़िंदगी।

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15 JAN 2024 AT 16:56

उदास हो या नींद नही आई है।
बताओ क्यों मायूसी सी छाई है।।
जरूरी तो नहीं सब छुपा के रखा जाए,
दिल की बताने में कैसी कठिनाई है।।

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