"कल की कीमत"
बीते हुए कल में मेरे सभी दुख दूर महसूस हुए
अब ऐसा लग रहा कि वे यहाँ है सदा रहने के लिए,
है मुझे उस कल पर इतना यकीं
जीना चाहता हूं मैं उसी मे कही
जो मैं हुआ करता था कभी
आज मैं उसका आधा भी नहीं।
’आज’ अचानक है — उस कल को क्यों जाना पड़ा
मुझे नहीं पता, क्या मैंने उससे कुछ गलत कहा,
अब मुझे हर वक्त है उस कल की लालसा
नही है मुझे आज और आने वाले कल की जिज्ञासा,
बस एक है ख्वाहिश या इल्तज़ा कहो ये मेरा
उस कल को थोड़ा जी लें ज़रा
बस उस कल को थोड़ा जी लें ज़रा।।
- Rahul Roy 'Dev'©-
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"यकीन"
लोग जब दूर है निकल जाते
कहने को है बहुत कुछ पीछे छोड़ जाते
हकीकत में बस तुम एक वीराने को हो पाते।
यादों की ताकत उनको पास है बिठाती
खुद से ही बातें कर रूह उनसे है रूबरू होती।
जाने क्या होता वो शख्स अगर यहां होते
कुछ बाते सांझा कर हल्का महसूस करते।
वक्त निकल गया अब खो दिए जिसको था खोना
हसता हुआ चेहरा देखेगा तुम्हारा ज़माना,
दिल के कोने में बस बैठकर तुम अकेले रोना
है तब तुम्हारे होने पर तुमको यकीन तब आना।।
- Rahul Roy 'Dev'©
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दिल की एक बात थी जो होंठो तक आई नही
मन मे ही रहकर बस आंखों से है झांकती,
बस किसी से है वो लव्स मांगती
बाहर आने के लिए है तड़पती।
आवाज़ से मिलकर हो जाए वो पूरी
जो है मुझमें कही वो अधूरी,
जो यह बात है फिलहाल एक एहसास है
कुछ खास है इसमें — हां कुछ तो खास है
हवाओ मे है बलखाती खुशबू के जैसे,
खुशबू जो अपने मे एक बात है पर बेअवाज़ है
जिसका पता सबको है
जिसकी ख़बर सबको है
जाने ये क्या राज़ है
कुछ तो इसमें खास है, कुछ तो बात है।।
- Rahul Roy 'Dev'©
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I use to be fighter
I was an annihilator,
I was never by anybody reared
I was always feared,
Those days are gone
Now it feels empty & all alone,
Constantly working on art of humbleness
Many times showing fake happiness.
I'm not that person no more
That's the reason I'm crying
Cuz sometimes I feel like nothing,
But I don't want that person to come out
Cuz if it comes out hell is coming full out.
It's not funny at all
You may be smiling after all,
It might sound cool
But I'm no fool,
I know I can't control him
I'm just that scared of him.
- Rahul Roy 'Dev'©-
Happiness always shines & shows,
While pain lingers in one's shadows.
- Rahul Roy 'Dev'©-
Life's a tournament
If you fight, you survive
If you don't, you just survive....
-Rahul Roy 'Dev'©
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कुछ कमी नहीं यहां- कुछ तो कमी बाकी है,
कोई पाया अपने हिस्से का जहां
किसी के हिस्से का जहां अभी बाकी है।
फितरत में इंसान जिया दूसरों के लिए,
किसी के हिस्से का दिन गुज़रा
किसी के हिस्से की रात अभी बाकी है।
किसी के हिस्से की बात ख़त्म
पर किसी की बातो का हिसाब अभी बाकी है।
कमी तो कुछ नहीं खुद को पूरा
करने की कोशिश कर रहा हूं,
ज़िंदगी की किताब में कुछ पन्ने
जोड़ने की कोशिश कर रहा हूं,
कुछ कहानियां अभी है बाकी
लिखने की कोशिश कर रहा हूं।
बस चल रहा हूं की अब मंज़िल नज़र आ जाए,
कमी तो कुछ नहीं ये सफर आसान हो जाए।।
- Rahul Roy 'Dev'©
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कल के वो पल कहा है ?
खोज रहा आज पर मिल कहा रहा है
इसी पे एक छोटी प्रस्तुति ....
जो ढूंढ रहा हूं कल मैं
पूरा आज निकल गया इस हल में,
उस कल भी खोजा कल को
हां ! वहीं कल जो आज बन गया....
बस ढूंढ रहा अच्छे कल को मैं
पर हासिल न होता लगाता पूरा बल मैं,
वक़्त के साथ धुंधली पड़ जाएगी नज़र
ढूंढते हुए आज से अच्छा कल में ।
सुकून का वो पल अब कहीं नहीं
वैसे ही जैसे वो कल कहीं नहीं,
जो आज ये गुज़रा तो फिर
कल कहीं नहीं तेरे ख़्याल के सिवा
परछाई तक नहीं बस मलाल के सिवा ।।
- Rahul Roy 'Dev'©-
श्वेत अश्व - रत्न जड़ित रथ पर सवार,
आए माधव-पार्थ युद्ध के द्वार,
जिस पल की थी वर्षो से प्रतीक्षा,
उसे पूरी करने की है पांडवो की आकांक्षा,
बीते वर्षो में पांडवो द्वारा बिताये गए
वनवास और अज्ञातवास की परीक्षा,
उन वर्षो में कौरवो ने हर संभव प्रयास
कर की पांडवो की समीक्षा।
अब नहीं बची कोई शांति की प्रक्रिया,
प्रयत्न कर पांडवो ने सब देख लिया।
शांति प्रस्ताव को कर अस्वीकार आया यह परिणाम,
आरम्भ होने को अब महाभारत का संग्राम।
दोनों पक्ष में वीर-महावीर असंख्य,
कभी नहीं होगा फिर ऐसा युद्ध प्रचंड,
चिरोकाल वृत्तांत कर इस कथा की,
अमर रहेंगे सभी नायक-खलनायक इस गाथा के ।
इतिहास को एक महाकाव्य के रूप में देखा,
विश्व की सबसे बड़ी ग्रंथ बनी जिससे बहुत कुछ सीखा,
भाद्र पद कृष्ण पक्ष अष्टमी की बेला,
सम्पूर्ण विश्व में आनंद छाया है पवित्र घड़ियों की मेला।।
🙏श्री कृष्ण जनमाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
- Rahul Roy 'Dev'©-
"सत्य - समझ"
कुछ लोग लिख लेते है - कुछ लोग समझ लेते है,
अल्प हो चुके लोग जो समझ कर लिख लेते है।
कहने को उनके भीतर अत्यधिक समझ,
वक़्त - बेवक्त दिख जाता उनका असमंजस।
इसी भवर में फसकर कर देते कुछ ऐसे काम,
प्रतीत होने लगता है यह जीवन समझने में नाकाम।
सत्य किसी को पता नहीं
असली चेहरा जो दिखा नहीं,
अपना घर बचाने को अब कोई उपाय छोड़ना नहीं।
इसलिए हो सके तो एक बात मानना,
थोड़ा समझ और कमाना - थोड़ा जीवन और जीना,
कुछ करने से पहले एक और
बार अपने मन से परामर्श करना।
एक नई सोच मिलेगी तब,
एक नया उद्देश्य दिखेगा तब,
मार्ग सरल बनाने को एक नई विचार प्रकट होगी तब।।
- Rahul Roy 'Dev'©-