Rahul Ror  
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Joined 24 August 2021


Joined 24 August 2021
20 DEC 2021 AT 16:50

जूस्तजू-ए-आज़ादी हमारी बेमतलब हैं

इन पाखियो को इश्क़ पिंजरे से है.

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24 AUG 2021 AT 21:39

मेरे अश्का मैं पढ़ ना लेवे कोई नाम तेरा
मैंने हर अश्क़ सूखा दिया
जीक्र लबा त कदे करा नही तेरा किसे आगे
कागज प तेरी यादा का दरिया बहा दिया

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