जूस्तजू-ए-आज़ादी हमारी बेमतलब हैं
इन पाखियो को इश्क़ पिंजरे से है.-
Rahul Ror
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Joined 24 August 2021
24 AUG 2021 AT 21:39
मेरे अश्का मैं पढ़ ना लेवे कोई नाम तेरा
मैंने हर अश्क़ सूखा दिया
जीक्र लबा त कदे करा नही तेरा किसे आगे
कागज प तेरी यादा का दरिया बहा दिया-