रुक के चले तो मैं भी थोड़ा साथ चल सकूँ
आहिस्ता बदले वक़्त तो खुद को बदल सकूँ
हालात की तपिश में ऐसी हो सिफ़त
पिघला दे मुझे के सांचे में ढल सकूँ
R.R
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मेरा किरदार पागल था
वो पहला प्यार पागल था
मैं होशियार था कल तक
ये पहली बार पागल था
वो जिसके वास्ते कहता था मैं
के सिर्फ हूं उसका
वो सबसे से बेझिझक कहती है अब
के यार पागल था ll
R.R-
भीड़ में से आवाज आयी
गर्दन टूट गई है
मैने देखा करीब जाकर
कुछ टूटा था यकीनन
हौसला, उम्मीद और आखिरकार सब्र
र.र
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एक छोटे लिफाफे में बडा सा खत
डालने की कोशिशों में उम्र जाती रही
लिफाफा हैसियत का, खत ख्वाहिशों की
R.R-
ना होना कितना आसान है,
होना कितना मुश्किल है ।
बेजान सा कोई बुत है वो,
जिसके भी सीने में दिल है ।।
र.र-
Everyone relates to this one sided love........right??
जिसकी आरजू हमें एक मर्ज सी चिपकी रही
क्या सितम है उनको मेरा नाम तक नहीं पता
R.R-
जागती आँखों के सपने दिल जलाने के लिए
वक्त ने मुझको चुना है आजमाने के लिए
ठोकरों पे है गुजारी अबतलक ये जिन्दगी
चल रहा हूँ राह पर मैं चोट खाने के लिए-
शौक की बात क्या ही करे जब
हुनर को मुफ़लिसी में मकाम नहीं मिलता
ख्वाहिशों पे पांव रख के काम तो मिल जाता है
पगार मिलती है आराम नहीं मिलता
R.R-