बदल जाने दे उसे
संभल जाने दे उसे
कमी रही होगी उसकी समझ में
इस बार रूठ जाने दे उसे-
खुदा करे, मोहब्बत में संभल पाऊँ मैं
या तू पास हो, और तुझमे ही डूब जाऊँ मैं
तेरे हसीन चेहरे के पीछे, टिका है ये दिल मेरा
मिली ना तू अगर, खंज़र ना खुदको भोंक जाऊँ मैं-
काश, इश्क़ की वफा कुछ खास ऐसी हो
कि हर शाम से पहले, तुझसे मुलाक़ात जरूर हो
संजोये तेरे ख्यालों को, रात भर सो जाऊँ मैं
और सुबह उठूँ, तो फिर वहीं से शुरुआत वैसी हो-
कोई ख़्वाब हो मुझसे जुड़ी, तो बोल दो तुम आज मुझे
ख़बर ये सुर्ख़ियो में आएगा, कि 'राहुल' ने क्या तक़दीर पाया है-
तेरी तारीफ़ में क्या शब्द लिखू मेरी माँ
तुझे लिख सकूँ, इतना क़ाबिल नहीं हूँ मैं
तेरे प्यार को पहचान लिया हो जिसने
अब वो किसी और के मोहताज़ नहीं हैं माँ
सिवा तेरे, मुश्किल है भरोसा इस जगत में
तेरे राह पर चल सकूँ, कोशिश लगातार कर रहा हूँ मैं माँ
लोग जान सके, तेरे नाम से सदा ही मुझको
तेरे उसी संस्कार को, अपनी पहचान बना रहा हूँ मैं माँ
तू कहती थी, बड़ा आदमी बनेगा तेरा बेटा एक दिन
तेरे इसी ख़्वाब के लिए, यहां दिन रात लगा हूँ मैं माँ
तू हौसला मत हारना, यक़ीन हो अगर आज भी मुझपे
तेरी ख़िदमत में, अपना जी जान लगा दूँगा मैं माँ
तुझे ख़ुश देखू, बस यही चाहत है अब मेरे दिल में
कर दूँगा कुर्बान तुझपे, ये सारा जहान मेरी माँ
लोग ताने भी मारे, तो सुन लेना तू इस समय
वक़्त आएगा, होगा सबका हिसाब मेरी माँ
तू साथ रहे उम्र भर, यही दुआ है मेरा रब से
हो मुमक़िन, तो स्वर्ग भी तेरे ही साथ जाऊँगा मैं माँ
माँ तेरे बेटे के इस प्यार को, लोग भूल ना पाएंगे कभी
बनाऊंगा ऐसा अनोखा, एक छोटा इतिहास मेरी माँ, इतिहास मेरी माँ-
अपनी दुनिया मुझको बतलाने का
आँखो का तारा मुझको बनाने का
अपने भरोसे को मुझपे सँजोने का
मेरी हर जिद्द पे अपनी हामी भरने का
....शब्दों में बयां हम कर ना पाए....
मेरी पसंद को अपना पसंद बताने का
अपनी बाहों में प्यार से सुलाने का
मेरे नादानियों पे तेरे मुस्कुराने का
शरारतो पे मेरी, थप्पड़ लगाने का
....शब्दों में बयां हम कर ना पाए....
अपने जरूरतों को नज़रअंदाज़ करने का
अपनी लाचारियों को हमसे छुपाने का
दुखी होकर भी खुशियां लुटाने का
तेरा इतना कुछ मेरे लिए कर जाने का
....शब्दों में बयां हम कर ना पाए....-
तेरे इश्क़ के पदभार से, चलो इस्तीफ़ा आज मैं देता हूँ
तू ख़ुश रहे सदा उम्र भर, तेरी हर सज़ा स्वीकार मैं करता हूँ-
तुम मुझसे प्यार का सबूत माँगना बन्द करो अब
ये तेरे तस्वीर से ज्यादा अब कौन जान पाएगा !!-
लबालब, छल से भरे संसार में,
अरे ओ, प्यार की दास्तां सुनाने वालो
हम यक़ीन कैसे करे ?
इतना तो बता दो
की अगर भूल हो गयी हमसे
पहचानने में फिर कहिं
क्या बख़्स दोगे तुम मुझे ?
इतना तो बता दो
या तकलीफ़ में जब देखोगे
मेरी बेबसी, लाचारी को
क्या अश्क़ ना बहने दोगे ?
इतना तो बता दो
खुश तो हम रह लेंगे
तुम साथ रहो ना रहो
तेरी याद की हम क्या करें ?
इतना तो बता दो
की भूल जाऊँ मैं तुझे
है मुनासिब नहीं
क्या तुम भी भूल पाओगे ?
इतना तो बता दो-