तेरी तारीफ़ में क्या शब्द लिखू मेरी माँ
तुझे लिख सकूँ, इतना क़ाबिल नहीं हूँ मैं
तेरे प्यार को पहचान लिया हो जिसने
अब वो किसी और के मोहताज़ नहीं हैं माँ
सिवा तेरे, मुश्किल है भरोसा इस जगत में
तेरे राह पर चल सकूँ, कोशिश लगातार कर रहा हूँ मैं माँ
लोग जान सके, तेरे नाम से सदा ही मुझको
तेरे उसी संस्कार को, अपनी पहचान बना रहा हूँ मैं माँ
तू कहती थी, बड़ा आदमी बनेगा तेरा बेटा एक दिन
तेरे इसी ख़्वाब के लिए, यहां दिन रात लगा हूँ मैं माँ
तू हौसला मत हारना, यक़ीन हो अगर आज भी मुझपे
तेरी ख़िदमत में, अपना जी जान लगा दूँगा मैं माँ
तुझे ख़ुश देखू, बस यही चाहत है अब मेरे दिल में
कर दूँगा कुर्बान तुझपे, ये सारा जहान मेरी माँ
लोग ताने भी मारे, तो सुन लेना तू इस समय
वक़्त आएगा, होगा सबका हिसाब मेरी माँ
तू साथ रहे उम्र भर, यही दुआ है मेरा रब से
हो मुमक़िन, तो स्वर्ग भी तेरे ही साथ जाऊँगा मैं माँ
माँ तेरे बेटे के इस प्यार को, लोग भूल ना पाएंगे कभी
बनाऊंगा ऐसा अनोखा, एक छोटा इतिहास मेरी माँ, इतिहास मेरी माँ
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