बहुत रुलाते हैं वो याद आनेवाले
रह जाते हैं ज़हन में ये जानेवाले।।
बहुत ही रोते हैं दिल ही दिल में
के मोहब्बत में दिल लगाने वाले।।
कब समझते हैं दिल तोड़ कर के
दिल को यूं खिलौना बनाने वाले।।
जो रब से मांगते हजारों मिन्नतों में
बहुत ही रोते हैं दिल लगाने वाले।।
क्यूं उम्र गवां देते हैं यादों में अपनी
मोहब्बत में ऐसे बिखर जाने वाले।।
ये रुतबा तुझको भी मिला है राहुल
कहते हैं मोहब्बत में लुट जानेवाले।।-
🌹श्री राधे राधे 🌹
🌹अब बाकी न ... read more
खूबसूरत याद और तेरी सादगी
मैं पागल सा मुझमें तेरी बंदगी।।
हिज़्र की रातें आंखों में कटती
यादों में कट जाएगी ये ज़िंदगी।।
हर रोज मैं मांगू दुआ में रब से
हर दुआ में तेरी अब हर खुशी।।
कब सोचा है मैने अपनी खातिर
खुशियां और खूबसूरत ज़िंदगी।।
मुद्दत गुजारी तेरी खुशी के वास्ते
दुआ में तू तुझमें मेरी ये ज़िंदगी।।-
मोहब्बत रूहानी लगती है
आंखों का पानी लगती है ।।
जब दिल वीराना होता है
दुनिया वीरानी लगती है।।
एहसास अधूरे से लगते हैं
यादों की कहानी लगती है।।
होती दिल में हलचल ऐसी
धड़कन वीरानी लगती है।।
ऐसे वीराने आलम में राहुल
अधूरी जिंदगानी लगती है।।-
वतन की मिट्टी में हैं सांसें वास्ते वतन के
यूं नहीं शहीद हुए देशप्रेमी वास्ते वतन के।।
संजोए जो सपने उनकी खुशियां नहीं देखी
दहल गया दिल जब बिखरे रास्ते चमन के।।
मुहब्बत वाले हैं हम वतन से इतनी मुहब्बत
खरोंच पर न रहेगी तेरी हस्ती वास्ते वतन के।।
मुद्दतों से जहां कायम शांति और चैनों सुकूं
रहे मुद्दतों तक कारवां यही वास्ते अमन के।।
ज़िंदगी भी ज़िंदगी नहीं देखती उस वक्त में
जब होती है कुर्बान ज़िंदगी वास्ते वतन के।।
दुआएं करो जिनसे मुकम्मल सांसे हमारी
सजदे करे जिनको तिरंगा वास्ते कफ़न के।।-
मेहरबान जिस पर खुदा हुए हैं
वो मोहब्बत से कब जुदा हुए हैं।।
हुई है अता मोहब्बत जिनको
कभी न किसी से खफा हुए हैं।।
मुकम्मल मोहब्बत के एहसास
एक पल को कब जुदा हुए हैं।।
रह गई मोहब्बत अधूरी कितनी
कितने कितनों पर फिदा हुए हैं।।
अफज़ल सी मोहब्बत में राहुल
हजारों ज़िंदगी से जुदा हुए हैं।।-
Shivanya— % &एक प्यारी सी जान खूबसूरत
जिसकी है पहचान खूबसूरत ।।
उसके रहगुज़र की राहें सारी
उस लम्हे की शान खूबसूरत।।
के खूबसूरत है लहजा उसका
हमारी वो मेहमान खूबसूरत।।
जिसके लफ्जों में खुशबू बसती
उसका हर इक कलाम खूबसूरत।।
हजारों दुआएं बरसती उसपर
जिसका दीन ईमान खूबसूरत।।— % &-
जब हयात–ए–हसर आए
कोई भी नहीं वो मगर आए।।
मेरे रब मुझपर करम करना
जब मेरा वक्त आखिरी आए।।
जब मैं इस जहां से निकलूं
के उसका अक्स नजर आए।।
खुश रहे वो हरदम जहां में
खुशी में ज़िंदगी संवर जाए।।
आखिरी तमन्ना देखूं उसको
मुझमें मेरी सांसे बिखर जाए।।-