Rahul Pandey  
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Joined 28 April 2020


Joined 28 April 2020
9 JUL 2023 AT 18:09

दिमाग में भरी तलब को कुरेदता हूं पन्नों पर
लोगों को शायरी लगे तो मेरी खता क्या है

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9 JUL 2023 AT 18:01

जीतकर, खुश रहना तो सिखाती ही है जिंदगी
हारकर, भी जीतने का हुनर सीखा बस अभी हूं

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8 FEB 2023 AT 17:13

जिंदगी के मजे लीजिए खुलकर, पता नहीं।
कब जिंदगी आपके मजे लेने लगे।।😊

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31 JAN 2023 AT 13:37

हर इंसां का स्वाभाव अलग है
हर चेहरे का भाव अलग है
जीते हैं सब अपनी शर्तों पर
जीवन का स्वाभाव अलग है

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27 MAY 2022 AT 13:02

कल भी चलते थे, आज भी चलते हैं।
तब वक्त दूसरा था, अब वक्त दूसरा है।।
वाह! रे जिंदगी थोड़ा पुरसुकून क्या हुए, फजा में।
तुने तो जरूरतों का पुलिंदा ही थमा दिया।।

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1 MAY 2022 AT 13:38

पटरियों पर सरपट दौड़ती गाड़ियां, अंतहीन सफर है
इसी राह का मैं इक मुसाफिर मंजिल ही लापता है

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1 MAY 2022 AT 13:15

तुम्हारा हो गया लेकिन, हमारा अब भी बाकी है
नश्तर जो दिल में चुभोया था, कसक अब भी बाकी है

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1 MAY 2022 AT 12:10

उन्होंने भर दिए पन्ने हजार अपनी वफ़ा के वास्ते
हमने बस उनकी मासूमियत दिखाई आईने से

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18 JAN 2022 AT 15:11

बारिश के अलग चेहरे देखें हैं हमने
कहीं पकौड़ी चाय की तलब है तो
कहीं सर छुपाने की जद्दोजहद है
कहीं मन मेंत्यौहार सा आलम है तो
कहीं मन में तूफान सा का मंजर
कई चेहरे देखें हैं हमने बारिश के

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2 JAN 2022 AT 10:34

गांव छोटे लेकिन पेड़ बड़े बड़े होते थे
माना हाथ खाली लेकिन दिल बड़े होते थे
जरूरत में चीजें अक्सर नहीं रहती थी
पर मुसीबत में लोग साथ खड़े होते थे
हर खुशी हर गम मिलकर निभाए जाते थे
एक दुजे के लिए खुशी से हाथ बढ़ाए जाते थे
•••••• आगे आज की दुनिया••••••••••••••

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