दिल है इक गगनचुंबी इमारत रहता है प्रेम
जिसकी सबसे ऊंची मंज़िल पर,
चढ़नी पड़ती है भरोसे की सीढ़ियां
उसके घर जाने ख़ातिर,
क्यूंकि दिल की इमारत में कोई
लिफ्ट नहीं होती!!-
An author doesn't need bio, whatever his bio, he dscribe it in words.
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बहुत छोटी सी ख्वाहिश है मेरी
तूझे दूर कहीं ले जाऊं इस दुनिया से परे,
जहां तेरे साथ मैं समुन्दर की लहरों में सूरज को खिलते देखूं..
तो कहीं किसी पहाड़ की चोटी पर तेरे साथ शाम को ढलते देखूं..
कहीं किनारे बैठ के तेरे मेरे प्यार के नगमे सुनाऊं..
फ़िर तेरे ये कहने पर की कितना बोलते हो तुम,
मैं तेरे उन लफ्जो में डूब जाऊं..
फिर झूठमूठ का गुस्सा करके जैसे ही वहां से जाऊं,
तो तेरा, मेरा हाथ पकड़ के रोकने पर
मैं फिर से तुझपे दिल हार जाऊं..
फिर रुककर किसी मोड़ पर तेरे साथ चाय का जाम बनाऊं,
दो की क्या ज़रूरत एक ही काफी है दोनों के लिए ये कह के
तेरे साथ उस लज़ीज़ चाय का लुफ़्त उठाऊं..
चल दूं तेरे साथ दूसरी किसी दुनियां में ऐसे ही दिन की तलाश में,
फिर से सुबह से शाम तक ऐसे ही तेरे साथ हर दिन बिताऊं!!-
उसका सब कहकर भी कुछ ना कहना
अच्छा लगता है,
उसकी बातों का इंतज़ार करना
अच्छा लगता है,
जानता हूँ मैं भी सब पर, उससे सुनना
अच्छा लगता है,
उसके बोलने का अंदाज़ अच्छा
लगता है!!
उसको बार बार परेशां करना अच्छा
लगता है!!-
यूँ उम्र भर के वादे ना करो जनाब,
के बाहर माहौल बड़ा बवाल है!!
वक्त रहते मुलाक़ात कर लो हमसे,
मेरे हाथ की चाय बड़ी कमाल है!!-
मैं आपका अपना इरफ़ान हूं!!
बड़े सपने देखने वाले हर छोटे कलाकार
के हौसलों की उड़ान हूं,
मैं आपका अपना इरफ़ान हूं!!
मुझमें अग़र तुम देखते हो अपनी परछाई,
मेरी कला में जो तुम्हें नज़र आती है सच्चाई,
तो मैं तुम्हारा अभिमान हूं,
मैं आपका अपना इरफ़ान हूं!!
आज अपनी बेबस आंखों में आपके प्यार और
अपनेपन का लेकर जा रहा एहसान हूं,
मैं आपका अपना इरफ़ान हूं!!
माना ज़िन्दगी बहुत छोटी थी मेरी,
पर मैं वो कभी ना मिटने वाला नीला आसमान हूं,
मैं आपका अपना इरफ़ान हूं!!
चाहता था कुछ साल और जी लूं,
कुछ और अच्छी फिल्में आपको देकर जाऊं,
पर क्या करूँ खुदा के आगे बेबस
आप सब की तरह मैं भी एक इंसान हूं,
मैं आपका अपना इरफ़ान हूं!!
मेरे जाने के बाद जब कभी भी तुम मेरी फिल्म को देखोगे,
तो तुम्हारे चेहरे पर जो आएगी मैं वो हल्की सी इक मुस्कान हूं,
मैं आपका अपना इरफ़ान हूं!!-
हमारा जीवन हमारी ही लिखी किताब है,
हर दिन हम इस किताब में
कुछ ना कुछ लिखते रहते हैं, मिटाते रहते हैं
कुछ जोड़ते हैं, कुछ घटाते हैं...
इस आशा के साथ कि
हम इसका आखिरी पन्ना
सबसे अच्छा लिखेंगें...
पर वो दिन कभी आता ही नहीं
हमारा जीवन हमारी लिखी वो किताब है,
जिसका आखिरी पन्ना हम खुद नहीं लिख पाते..!!-
Is be-mausam ki barish me
ajeeb si kashish h,
Na chahte hue bhi koi
Shiddat se yaad aata h!!-
Tumhe Kuch to Bura krna chaiye tha,
Mujhse Acche log Bhulaye nhi jaate!!
Tumhari khi hui hr ek ek baat gunjti h dil k kmre me,
Mujhse abb ye chup kraye nhi jaate!!
Khamakha nhi h ye bojh, jo mai lekr chal rha Hun,
Bandhe h mujhse, ab zameen pr giraye nhi jaate!!
Kya nazm, kya ghazal, Jitna kuch likha h Tum pr,
Magar... Bina aankho me Pani k, naa jaane kyu ye
Sunaae nhi jaate!!-
एक खूबसूरत रिश्ता यूँ ख़त्म हो गया,
वो दोस्ती निभाते रहे और हमें प्यार हो गया..!!-
Mousam achha tha,
Hawaye chal rhi thi...
Baarish ki bunde baras rahi thi,
Mai uski yaado me gum tha,
Wo jo mujhe har pal uski yad dila rhi thi..
Har pal uske liye meri talab badhti Ja rhi thi,
Par mujhe uska intzaar krna achha lag rha tha
uska mujhse humesha se gahra nata h...
bachapan se mujhe vhi bhata h,
itna dhyaan se na padho...
Ye baatien, ishq, Ye mohabbat,
ye talab sirf chai kii h,
Usse judi deewangii kii h...!!-