है गुजारिश तुमसे एक बार लौट आओ ना
जहां मै था सिर्फ मेरी मां का लाडला
मुझे वहां छोड़ आओ ना-
मैं हर लड़की से उसकी तारीफ करता हूं
और वो सोचती है मै मुंह बहुत मारता हूं
कैसे दिलाऊं यकीन उसे की
मैं उसे बेइंतहां मोहब्बत करता हूं-
कोई नहीं समझेगा दुख मेरा
यहां मुस्कुराते चेहरों को
खुशनसीब समझा जाता है-
तुझसे जुदा होने का मन तो नहीं करता
पर तू अब शख्स अपना नहीं रहा
तू आता और देखता तो शायद पिघलता
अब आंखों से बहने को एक कतरा नहीं रहा-
समय तो बहुत हैं
कमी तो शब्दों की है
निकला हूं ऐसे शब्दों की तलाश में
मैं कुछ बोलूं और तू आ जाए-
भीतर खाली सा हो गया
आज फिर वो शख्स सामने था
वो लाख चाहते से देखे मुझे
बड़ी मुश्किल से मै निकला कमाने था-
मर जाता मै तो कब का
शुक्र मनाओ मैं इन धड़कनों की कद्र करता हूं
उसे भूल जाना तो मुझसे नहीं हो पाएगा
उस शख्स को कद्र नहीं है मेरी फिर भी
न जाने मैं क्यूं उससे इतनी मोहब्बत करता हूं-
हर बार नकार देता है वो मेरी मोहब्बत को
कमी है मेरी मोहब्बत में कोई या वो शख्स दोगला है
मेरे साथ रहना तो चाहता है पर मेरा बनकर नहीं-
कसूर मेरी जुबां का है तो है
तेरी यादें मेरे मगज का जहर है तो है
हमने कौनसा तुमसे पूछ कर मोहब्बत की थी
तू जाएगी जहां तुझे जाना है हमे अब रोना है तो रोना है-