जो चीर जाए नींद को,
वो ख़्वाब भी तो साथ हो,
जो थामे बाहें रात में,
वो चाँद भी तो साथ हो!
मैं कहूँ नहीं, तो क्या है गम
वो कहे नहीं तो रात हो!
जो ख़्वाब थे नहीं जले,
वो ख़्वाब भी तो साथ हो।
जो चीर जाए नींद को,
वो ख़्वाब भी तो साथ हो।
मिले नहीं हो तुम कभी,
किसी रोज, यूँही मुलाकात हो,
मैं चाहूँ तुमसे बात हो,
तुम चाहो मुझसे बात हो!
और कहे नहीं हम कुछ सनम,
जो यूंही, कभी मुलाकात हो,
हुई सुबह, अब यथार्थ है,
कभी यथार्थ का ही साथ हो!
जो चीर जाए नींद को,
वो ख़्वाब भी तो साथ हो।।-
You know,
the mountains, call us!
Mountains,
the epitome of dreams,
which lie at a distance,
waiting to rise as you sleep!
Mountains,
the love of your life,
which freezes, as you weep.
Mountains,
the hope you never saw,
which shone, as you drowned.
Mountains,
the cradle of treks and steeps,
which made you believe,
you can walk alone,
though woods be dark and deep.
You know,
the mountains, call us!-
महताब को ढूँढ़ता है कोई,
कोई फ़लक में छुपता भी नहीं,
मैंने खोया महताब को,
किसी आफ़ताब के लिये।-
जिंदगी में कितने ही किरदार मिले
कुछ गैर, कुछ यार मिले,
मैंने ढूंढा तुमको भी था बहोत,
और तुम दूर, हम बेज़ार मिले।
जिंदगी में कितने ही किरदार मिले!-
वृहद विवेक, रुप निराला
तुम ही ब्रज के त्रिपुरारी,
तुम ही पीते जग का हाला
तुम ही मोहन कृष्ण मुरारी।
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तजुर्बे ने सिखलाया बहोत इश्क़ को,
पर इश्क़ तो फिर बचपन में खोने का नाम है!
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Life
Laughter
Happiness
Memories
Rememberance
Sadness
Recovery
Life
The cycle of Human
Life and Relationships-
अभी सवेरा हुआ नहीं,
अभी उजाला बाकी है,
और कल की दुनिया, मेरा ख़्वाब,
ये रात तो बस इक झाँकी है!
अभी सवेरा हुआ नहीं,
अभी उजाला बाकी है।-
बारिश, बिजली और
उसकी प्यार सी आँखें,
मेरा दिल कहाँ लगे
जो देखूं यार सी आँखें।
भींगी बारिशें, नशीली बिजलियाँ,
और छत के कोने में बैठा मेरा दिल,
चुपचाप ही ढूंढे
उस दिल-ए-बेक़रार की आँखें!
मेरा दिल कहाँ लगे
जो देखूं यार सी आँखें।
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